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फरवरी-मार्च में हो सकता है यूपी और चार अन्य राज्यों में एकसाथ चुनाव

उत्तरप्रदेश जहां देश के सबसे बड़े सूबे की राजनीतिक तस्वीर बदलकर रख देने वाले चुनाव के लिए तैयार है, वहीं चार अन्य राज्यों में भी फरवरी-मार्च में लगभग एकसाथ चुनाव होने की संभावना है। अगले साल एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने के कुछ ही समय बाद ये चुनाव शुरू हो सकते हैं।
फरवरी-मार्च में हो सकता है यूपी और चार अन्य राज्यों में एकसाथ चुनाव

केंद्रीय निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में जहां एक दिवसीय चुनाव होने हैं, वहीं उत्तरप्रदेश में सात चरणों में चुनाव होने की संभावना हैं। आयोग चुनावी कार्यक्रम पर काम कर रहा है। ये चुनाव मार्च के मध्य तक हो जाने चाहिए ताकि इन राज्यों की नई विधानसभाएं अपने कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही गठित हो सकें। आयोग स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संबंधित राज्यों और केंद्र के साथ सुरक्षा बलों की जरूरत पर बात कर रहा है। निर्बाध चुनाव सुनिश्चित करने के लिए और चुनाव को हिंसा जैसी घटनाओं से मुक्त रखने के लिए लगभग एक लाख राज्य पुलिस कर्मियों एवं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों को तैनात किया जा सकता है। प्रमुख चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने हाल ही में कहा था, हम सुरक्षा बलों की जरूरतों, मौसम और परीक्षा कार्यक्रम का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं। इन सभी से जुड़ी जानकारियों पर गौर किया जा रहा है। तभी हम कह सकेंगे कि चुनाव एक चरण में होने चाहिए या कई चरणों में।

वहीं पर्याप्त सावधानी के तहत केंद्र सरकार ने एक फरवरी को ही लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश कर देने के अपने प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने और चुनावों की घोषणा हो जाने पर लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की आलोचना से बचने के लिए आयोग से संपर्क किया है। सूत्रों ने कहा कि आयोग को बजट प्रक्रिया पर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि इसके तहत पूरा देश आएगा और यह चुनावी राज्यों तक सीमित नहीं होने वाला। सरकार से कहा गया है कि उसे सावधानी बरतनी चाहिए ताकि इन राज्यों के मतदाताओं को ध्यान में रखकर बनाए जाने वाले वाले ज्यादा लोकलुभावन कदम बजट में शामिल न हों।

दो साल से कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश की 80 में से 70 सीटें जीतने वाली भाजपा 15 साल बाद राज्य की सत्ता में वापसी के लिए सत्ताधारी सपा से लोहा लेने के लिए तैयार है। ऐसी संभावना है कि बसपा इन दोनों को ही कड़ी चुनौती दे सकती है। पंजाब में, लगातार दो कार्यकालों के बाद सत्ताधारी शिअद-भाजपा को एक ओर कांग्रेस कड़ी चुनौती दे रही है और दूसरी ओर आम आदमी पार्टी खड़ी है। उत्तराखंड में इस साल कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद वापसी करने वाली कांग्रेस सत्ताविरोधी भावनाओं से लड़ रही है और भाजपा की ओर से चुनौती का सामना कर रही है। गोवा में नया कार्यकाल हासिल करने की कोशिश कर रही भाजपा के सामने कांग्रेस और आप खड़ी हैं। वही मणिपुर में कांग्रेस सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही है। उत्तरप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 27 मई 2017 को खत्म हो रहा है। गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभाओं का कार्यकाल 18 मार्च 2017 को पूरा हो रहा है जबकि उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च 2017 को पूरा हो रहा है।

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