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ईवीएम के बचाव में और मुखर हो चनाव आयोगः कुरैशी

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ कथित छेड़छाड़ पर गहराते विवाद के बीच चुनाव आयोग के पूर्व प्रमुख एसवाई कुरैशी ने कहा है कि आयोग को लोगों को यह आश्वस्त करने के लिए और भी मुखर एवं सक्रिय होना चाहिए कि इन मशीनों में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
ईवीएम के बचाव में और मुखर हो चनाव आयोगः कुरैशी

कुरैशी ने न्यूयार्क में पीटीआई से कहा कि ईवीएम पूरी तरह छेड़छाड़-मुक्त हैं और बचाव के पर्याप्त उपाय हैं। राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं को विरोध करने का अधिकार है और अगर वे प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हैं तो उनका समाधान हैं। उन्होंने जोर दे कर कहा कि आयोग को पूरी सक्रियता से और आक्रामक तरीके से बताना चाहिए कि इन मशीनों में उलट-फेर नहीं की जा सकती।

चुनाव आयोग के पूर्व प्रमुख ने कहा कि  चुनाव आयोग को और मुखर एवं सक्रिय होना चाहिए क्योंकि राष्ट्र मुझ से या पूर्व अधिकारियों से नहीं, मौजूदा चुनाव आयोग से आश्वासन सुनना चाहता है। उन्हें आगे बढ़ना चाहिए और खुले तौर पर मुखर तथा आक्रामक रूप से बताना चाहिए कि यह (ईवीएम से छेड़छाड़) नहीं हो सकता।

कुरैशी न्यूयार्क में कोलंबिया बिजनेस स्कूल में 13वें वार्षिक भारत कारोबार सम्मेलन में विशेष आख्यान देने आए थे। इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण एशिया कारोबार संघ कर रहा है। जुलाई 2010 से जून 2012 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे कुरैशी ने कहा कि राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को सवाल करने का अधिकार है और यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह सभी को संतुष्ट करें जिसे उन्हें ज्यादा सक्रियता और ज्यादा आक्रामकता से करना चाहिए।

कुरैशी ने कहा कि चुप रहना या मीडिया से दूर रहना कोई विकल्प नहीं है। जब राष्ट्र जानना चाहता है कि विशिष्ट शिकायत पर क्या हो रहा है तो राष्ट्र को बताना उनका फर्ज है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने अतीत में कई बार जवाब दे भी दिया हो कि ईवीएम में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, तब भी जब भी आरोप लगें उसे उसका जवाब देना चाहिए। कुरैशी ने कहा कि  चूंकि चुनाव लगातार होने वाली कवायद है और चूंकि अफवाहें फैलती रहती हैं, हर बार ऐसी चीजें हों, तो उसे (चुनाव आयोग को) जवाब देना चाहिए।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने इन आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया कि ईवीएम पर किसी भी पार्टी के पक्ष में बटन दबाया जाता है वोट एक खास पार्टी को जाता है। उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने जोर दिया कि जब ईवीएम का निर्माण निर्धारित फैक्ट्रियों में किया जाता है तो किसी पार्टी के लिए कोई नियत बटन नहीं होता है और ये बटन वर्णानुसार उम्मीदवारों को निर्धारित किए जाते हैं जो ईवीएम में छेड़छाड़ करना और भी असंभव बना देता है।

कुरैशी ने कहा कि ये ईवीएम हमेशा कड़ी सुरक्षा में रखे जाते हैं। फैक्ट्री से इनका सफर किसी राज्य के किस जिला या किस चुनाव क्षेत्र तक होगा, इसका निर्धारण कंप्यूटर से बिना किसी निश्चित तरतीब के किया जाता है। उन्होंने सवाल किया कि  तो कैसे आप मशीन में छेड़छाड़ कर सकते हैं। (भाषा)

 

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