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दिग्विजय का पीएम पर निशाना, नोटबंदी के बाद खुल रही हैं इनके दावों की परतें

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि नोटबंदी के बाद अब धीरे-धीरे पीएम के दावों की परतें खुलती जा रही है। पीएम ने कहा था कि नोटबंदी से आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ है क्या?
दिग्विजय का पीएम पर निशाना, नोटबंदी के बाद खुल रही हैं इनके दावों की परतें

कांग्रेस नेता दिग्विजय ने कहा, 'नोटबंदी से आतंक खत्म करने की बात हो रही थी, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा दिख रहा है? आखिर आईएस क्यों मुस्लिम युवकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है? इस पर सोचने की जरूरत है।'

कांग्रेस नेता ने साथ ही अजीत डोभाल पर भी तंज कसते हुए कहा, 'हमारे पास एक ऐसा खुफिया ऑफिसर है जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपना पूरा करियर आतंक से लड़ते हुए बिताया है,लेकिन उनका क्या योगदान रहा।

दिग्विजय ने वर्ष 2008 के मालेगांव बम विस्फोट के आरोपी कर्नल पुरोहित और आप्टे के हवाले से आरोप लगाया कि आरएसएस को आईएसआई से फंड मिल रहा है। उन्होंने कहा, 'आरएसएस कार्यकर्ता और पुणे ब्लास्ट के आरोपी कर्नल पुरोहित और आप्टे ने राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार पर आरोप लगाया था कि उन्हें आईएसआई से फंड मिल रहा है। यह मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि उनके कार्यकर्ता ने ही यह आरोप लगाए थे। वे इसका जवाब दें।'

साथ ही यूपी के ठाकुरगंज में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के सवाल पर कांग्रेसी नेता ने कहा कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान भारत में अस्थिरता फैलाने की मंशा रखता है। क्या कारण है कि कोई युवा तालिबान से नहीं जुड़ता है और आईएस से प्रभावित हो रहा है। मुस्लिम युवकों के आईएस से प्रभावित होने में सोशल मीडिया की भूमिका भी अहम है। कांग्रेस नेता ने कहा, मेरा डर धार्मिक कट्टरता को लेकर है। अगर देश का विकास करना चाहते हैं, तो हमें महात्मा बुद्ध और महात्मा गांधी के इस देश में उनके विचारों पर चलना होगा। प्यार और अहिंसा इस देश की नीति है।'

दिग्विजय सिंह के साथ ही, वहीं कांग्रेसी नेता पीसी चाको ने भी हमलावर रुख अपनाते हुए केंद्रीय मंत्रियों और एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान के उन बयानों पर आपत्ति जताई है, जिसमें संदिग्ध आतंकियों के संबंध आईएस से बताए गए थे। चाको ने खुफिया व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि जब राज्य में पीएम समेत तमाम वीआईपी थे तब यह घटना कैसे हो गई। अगर यह (लखनऊ मुठभेड़) चुनाव के पूर्व संध्या पर हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि पीएम और गृह मंत्री का चीजों पर नियंत्रण नहीं रह गया है।

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