Advertisement

सर्वदलीय बैठक में ही कांग्रेस ने अपना लिया था आक्रामक रूख

संसद में गतिरोध कम करने के लिए सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में ही कांग्रेस ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया था। बैठक में कांग्रेस की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि जब तक सरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्‍थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इस्तीफा नहीं मांगती तब तक संसद में कामकाज नहीं होने दिया जाएगा।
सर्वदलीय बैठक में ही कांग्रेस ने अपना लिया था आक्रामक रूख

सूत्रों के मुताबिक बैठक शुरू होते ही कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती तब तक गतिरोध बना रहेगा। कांग्रेस नेता की बात का समर्थन कई दलों ने किया तो कई ने विरोध भी किया। लेकिन बैठक के दौरान जब सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया तब जनता दल यूनाइटेड और वामपंथी दल कांग्रेस के समर्थन खुलकर आ गए। हालांकि समाजवादी पार्टी और बीजू जनता दल के सांसदों ने बीच का रास्ता निकालने की बात कही। लेकिन कांग्रेस अपनी मांग पर अड़ी रही।

 

सूत्रों के मुताबिक सरकार कुछ विधेयकों को लेकर चर्चा करती रही लेकिन ललित गेट और व्यापमं के मामले चुप्पी साधे रही। उसके बाद से कांग्रेस की रणनीति साफ हो गई कि संसद को चलने नहीं दिया जाएग। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि सरकार अगर कोई प्रस्ताव लाए तब विचार हो लेकिन सरकार की ओर से केवल अपील की जा रही है।

 

दूसरी ओर संसदीय कार्यमंत्री वेकैया नायडू का कहना है कि कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई है। उन्होने कहा कि कोई इस्तीफा नहीं होगा। क्योंकि राजग के मंत्रियों ने कोई अनैतिक काम नहीं किया है। वेकैया का दावा था कि केवल दो दल ही विरोध में है। बाकी सभी दल चाहते हैं कि सदन सुचारू रूप से चले। लेकिन कांग्रेस ने साफ कर दिया कि तब तक उनके मुद्दों पर प्रस्ताव नहीं आता तब तक सदन नहीं चलने दिया जाएगा। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement