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पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाए जाएंगे सौ कर्मचारी

विभिन्न मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय एक और सख्त कदम उठाते ही जल्द ही कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों को मंत्रालय से हटा सकता है। इस मामले में कॉर्पोरेट घरानों के साथ कई गिरोहों की संलिप्तता और उनके उजागर होते कारनामों से सवाल उठने लगा है कि इसके पीछे असली खिलाड़ी कौन है? क्योंकि असल खिलाड़ी को लेकर रहस्य बना हुआ है।
पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाए जाएंगे सौ कर्मचारी

कार्पोरेट जासूसी के मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय जल्द ही अपने तकरीबन सौ अधिकारियो और कर्मचारियों को हटाने या उनका तबादला करने जा रहा है। संसद के मौजूदा सत्र के तत्काल बाद ही यह कार्रवाई संभव है। पेट्रोलियम मंत्रालय के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि हटाए जाने वाले अधिकारियोंऔर कर्मचारियों की सूची तैयार हो चुकी है और केंद्रीय मंत्री से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

दिल्ली पुलिस का दावा है कि कॉरपारेट जासूसी मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और छह अन्य को हिरासत में लिया गया है।

अपराध शाखा ने इस मामले में जबरन घुसने, चोरी, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत अलग से प्राथमिकी दर्ज की है क्योंकि यह मॉडल  पेटोलियम मंत्रालय की जासूसी में शामिल गिरोह से अलग है। पेटोलियम मंत्रालय जासूसी मामले में पुलिस ने अभी तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इस नए मॉडल में गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान लोकेश के रूप में हुई है जो नोएडा की एक कंसल्टेंसी कंपनी के लिए काम कर रहा था।

अपराध शाखा ने इस सिलसिले में शास्त्री भवन से कम से कम छह लोगों को पूछताछ के लिए उठाया एवं जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस सिलसिले में दिल्ली और आसपास के इलाकों में छापेमारी जारी है।

दिल्ली पुलिस के आयुक्त बी. एस. बस्सी के मुताबिक जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लोकेश कोयला मंत्रालय के साथ ही उर्जा मंत्रालय से भी दस्तावेज हासिल करने में कथित रूप से संलिप्त था। उन्होंने कहा, इसलिए हमने मामला दर्ज किया है और हम उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हमने एक और प्राथमिकी दर्ज की है।

माॅड्यूल के काम करने के तरीके और इससे किसे लाभ होने के बारे में पूछने पर बस्सी ने कहा कि चूंकि प्राथमिकी कल दर्ज की गई है इसलिए पुलिस लोकेश के सहयोगियों को गिरफ्तार करने के बाद ही ब्यौरा दे पाएगी।

कॉरपारेट जासूसी मामले में रिलायंस समूह का नाम आने के बाद समूह की ओर से दावा किया गया कि वह अपने सभी कारोबारी सौदे में नैतिकता के लिए प्रतिबद्ध है और समूह की कंपनी रिलायंस पावर सरकार के साथ पूरा सहयोग कर रही है। समूह ने कहा रिलायंस पावर के सिर्फ एक कर्मचारी के काम-काज की जगह की तलाशी ली गई है और किसी तरह की संदिग्ध जानकारी नहीं मिली। हमें यह नहीं पता कि उस कर्मचारी की गिरफ्तारी किन परिस्थितियों में हुई और रिलायंस पावर सरकार के साथ पूरा सहयोग कर रही है।

कॉरपारेट जासूसी के पीछे कौन है असली खिलाड़ी इस बारे में पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच में कई तथ्य सामने आए हैं लेकिन कौन करा रहा था और क्यों रहा है इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह तय है कि कई कंपनियों के प्रतिनिध इस धंधे में शामिल हैं।

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