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मैगज़ीन डिटेल

कच्चा रास्ता

नलिनी थोड़ी देर उस गिलहरी की ओर देखती रही जो भागती हुई उसके पास से गुजरी थी और अब नीम के बड़े-घने पेड़ के तने पर चढ़ रही थी। इस रास्ते से वह न जाने कितनी बार गुजरी है। ऐसे ही तमाम दृश्य उसने देखे हैं-गिलहरियों के। फल-फूलों के। घास पर, वर्षा के थम जाने के बाद, धूप में चमकती हुई वर्षा-बूंदों के। रास्ते पर झरे हुए पत्तों के। इस कच्चे रास्ते में थोड़ा-बहुत जल भर जाने के और फरवरी-मार्च में इस कच्चे रास्ते से गुजरते हुए, एक दीवार के साथ फूलों-पौधों के।

खुरदरा धरातल, सुनहरे ख्वाब

वैश्विक निवेशक सम्मेलन की तैयारी में लगे मध्य प्रदेश में निवेशक तभी आएंगे जब उन्हें बेहतर माहौल मिले

कलह से कैसे होगी सुलह

मुख्यमंत्री अखिलेश और सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच जारी खींचतान से पसोपेश में कार्यकर्ता

शहाबुद्दीन की रिहाई से चढ़ा सियासी पारा

विपक्ष के तेवर देख, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

बोल आसान, बम मुश्किल

आतंकवाद का अजगर अगर मुंह फैलाता रहा तो भारतीय सेना उसे कुचलने के लिए आगे बढ़ सकती है। तब चीन भी पाकिस्तान को आधे रास्ते में छोड़ देगा। अमेरिका तो अपने स्वार्थों के बावजूद उसे चेतावनी देता रहता है।

हिंदी फिल्मों के मांझी गीत

बंगाल की पृष्ठभूमि पर बनी हिंदी फिल्मों में कई बार कथ्य या संवेदना के धरातल पर मांझी गीतों का दृश्यों को प्रभावी और तीव्र बनाने में इस्तेमाल किया गया। बंगाल और उत्तर-पूर्व भारत का भटियाली लोक संगीत एक तरह मांझी गीतों से ही निकला है।

हैप्पीनीनेस की कार्यशाला

हैप्पीनेस विभाग तो खुल गया लेकिन कमबख्त हैप्पीनेस अभी तक नहीं आई। बुलेट ट्रेन, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट-अप सब खुल गए परंतु लोगों के चेहरों की मनहूसियत क्यों नहीं जाती? किसानों, मजदूरों, छात्रों, व्यापारियों के चेहरे अब भी लटके हुए हैं। इसी चिंता को दूर करने के लिए कार्यशाला आमंत्रित की गई।

कौन कैसा ‘भाषादूत’ मंत्रीजी ही अनजान

दिल्ली हिंदी अकादमी के ‘भाषादूत सम्मान’ का ‘आप’ ने बनाया मखौल

संगठन समस्या बनेगा या संबल

आने वाले साल में पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस-मुक्त भारत के सपने से पहले जीत की साख दांव पर

कितनी स्वैच्छिक है आय घोषणा योजना

आयकर विभाग उन करदाताओं को भी नोटिस भेज रहा है जो पहले ही अपने कर का भुगतान कर चुके हैं

कामयाबी का मूल मंत्र

जिस भी सरकारी अधिकारी ने जनता के हितों को सर्वोपरि माना, जनता से सीधा संवाद किया, सफलता ने उसके कदम चूमे। ईमानदारी और पारदर्शिता दिखाती है बेहतर प्रबंधन से सबके हित की राह

फीकी पड़ रही ‘स्टार्टअप’ की चमक

अविश्वसनीय स्थिति यह है कि आईआईटी ने प्लेसमेंट के लिए लगभग तीस कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है

आंगन से निकल छुआ आकाश

रजनी बेक्टर ने महज 300 रुपये के साथ शुरू किया था कारोबार

खेल नहीं खिलाड़ियों के लिए प्रबंधन कला

कुशल मैनेजर पिछली सीट पर बैठकर चुपचाप अपना काम करता है

‘क्या आप नेतृत्व के लिए तैयार हैं?’

स्टार्टअप्स एक बेहतरीन और शार्टकट रास्ता है लेकिन यह कंप्रेशन चेंबर की तरह जोखिम भरा है

परंपरा की तरफ मुड़ते कदम

स्टार्टअप में मंदी के कारण अधिकांश बी-स्कूल प्लेसमेंट के लिए पारंपरिक कंपनियों को दे रहे हैं तरजीह

समान संस्कृति के देश हैं भारत-नेपाल

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के भारत दौरे से दोनों देशों के संबंधों में गर्मजोशी की उम्मीद

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