कॉलिंस के शब्दकोश ने एआइ को 2023 का शब्द बताया, यथार्थ की जगह आभास, असल की जगह नकली मेधा, आदमी की जगह रोबोट, इनसानी विवेक की जगह अलगोरिद्म, और स्वतंत्रेच्छा की जगह नियति- कल की दुनिया इन्हीं से मिलकर बननी है, सोशल मीडिया की लत उस बड़ी बीमारी का महज लक्षण भर
जो 41 लोग बचाए गए वे मजदूर हैं, जिन 12 ने बचाया वे भी मजदूर हैं, दोनों ही सामाजिक व्यवस्था के हाथों मजबूर, सवाल इन्हें नायक बनाने से आगे का है
कांग्रेस पार्टी पांचों चुनावी राज्यों के बहाने लोकसभा की राह तैयार कर रही थी लेकिन नरेंद्र मोदी ने अपना चेहरा सामने रखकर बड़ा दांव चल दिया, अब सवाल है कि 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस और उसकी छतरी के नीचे बिखरता इंडिया गठबंधन क्या करेगा
भारतीय क्रिकेट में पहली बार एक साथ तीन-चार पेसर मैदान में उतरे और टीम की छवि हमेशा के लिए बदल गई
कल्याणकारी राज्य को तिलांजलि देने के तीन दशक बाद राजनीतिक दलों तक सिमट चुका कल्याण बना वोट का बायस
26 अक्टूबर को नौ साल पूरा कर रही खट्टर सरकार के उपलब्धियों के दावे अनेक मगर विपक्ष के एजेंडे भी कम नहीं, असली परीक्षा तो अगले साल लोकसभा और फिर उसके कुछ महीने बाद विधानसभा चुनावों में ही होगी
एक दौर में तमाम महापुरुष और नेता जाति उन्मूलन की बात करते थे आज देश की समूची राजनीति ही जातियों को गिनने की धुरी पर आकर टिक गई है, बिहार की जातिवार गणना के आंकड़े सामने आने के बाद जो हलचल मची है वह देश के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है, खासकर पांच राज्यों के चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव में इसके अक्स दिखने की संभावना
पचास और साठ के दशक के नायकत्व का आध्यात्मिक अतिक्रमण वह दुर्लभ तत्व है, जो राज कपूर और दिलीप कुमार से देव आनंद को अलग करता है, अंतिम सांस तक खुद को और हिंदी सिनेमा को पुनर्नवा बनाने का संघर्ष करते रहे राजू गाइड के स्वामी में रूपांतरण का एक सफरनामा