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टेंटी का अचार

टेंटी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पाया जाने वाला फल है, इसके पेड़ को करील कहा जाता है। इसको राजस्थान में कैर के नाम से जानते है। यह अचार बहुत पसन्द किया जाता है। आपको भी यह अचार बहुत पसन्द आयेगा।
टेंटी का अचार

आवश्यक सामग्री:

* टेंटी -  250 ग्राम

* नमक - 2 छोटी चम्मच

* हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच

* लाल मिर्च - 1/4 छोटी चम्मच

* राई ( पीली सरसों ) - 2 टेबल स्पून

* हींग -  2-3 पिंच

* सरसों का तेल - 350 ग्राम

* सिरका - 1 टेबल स्पून

* कलोंजी - 1 टेबल स्पून

* सोफ - 1 टेबल स्पून

* जीरा - 1 टेबल स्पून

 

विधि:

टेंटी के डन्ठल तोड़कर उन्हैं साफ पानी से धो लीजिये। इन टैंटियों को एक बर्तन (यह चीनी मिट्टी का हो या मिट्टी का मटका) में भर कर इतना पानी भर दें कि टेंटी डूब जाय और थोडा नमक भी मिला दीजिये। अब इस बर्तन को ढककर धूप में रख दीजिये। टेंटी का पानी दो दिन बाद बदलते रहें।

पांच-छह दिनों में टेंटी का हरा रंग, पीले रंग में बदल जाता है और खाने पर इसका स्वाद हल्का खट्टा-मिठा हो जाएगा तो समझ लिजिए की अचार बनाने के लिए टेंटी तैयार है। अब इन टैंटियों को दो बार साफ पानी से धो कर छलनी में रख कर धूप में रख दीजिये। इसका पानी सूखा लेंगे। अब हम इस का अचार बनायेंगे।

सरसों के तेल को पैन में डालकर गरम, अच्छा गरम कीजिये, कढ़ाई को गैस से उतार कर नीचे रख लीजिये और तेल को हल्का ठंडा कर लीजिये। अब एक बर्तन में टेंटी, हल्दी पाउदर, नमक स्वाद अनूसार (हम इस में पहले भी नमक डाल चुके हैं इसे चख कर ही दोबारा नमक डालें), राई, कलोंजी, सोंफ, जीरा और लाल मिर्च डालकर अच्छी तरहा मिला लिजिये।

हलके गरम तेल में हींग डाल दिजिये और अब टेंटी का बना मिश्रण भी इस में डालकर मिला लिजिये अचार में थोडा सिरका डाल कर भी मिक्स कर दीजिये। टेंटी का अचार तैयार है, अचार को पूरी तरह ठंडा होने के बाद, कांच या प्लास्टिक के कन्टेनर में भर कर रख लीजिये। हर दो-तीन दिन में अचार को चमचे से चलाते रहिये। 8-10 दिन में अचार खट्टा और स्वादिष्ट होने लगता हैं। अब यह अचार आप के खाने के लिये तैयार है।

 

सुझाव:

* जिस कन्टेनर में आप अचार भर कर रख रहें हैं, उसे उबलते पानी से धोकर धूप में सुखाकर तैयार कर लीजिये।

* अचार खाने के लिये जब भी निकालें सूखी और साफ चम्मच का इस्तेमाल कीजिये, अचार निकालते समय, हाथ भी सूखे होने चाहिये।

* अचार निकालने के बाद अचार को उसी चम्मच से ऊपर नीचे कर दीजिये, अचार की सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।

* हमेशा ध्यान रखे की अचार के ऊपर इतना तेल रहे कि अचार दिखाई ना दे, इस से अचार में फंगी नहीं लगेगी।

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