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4.3 फीसदी चिकित्सा संस्‍थान में 40.3 फीसदी शोध

सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि भारतीय चिकित्सा संस्थानों में कुल मिलाकर शोध की हालत खराब है और वर्ष 2005 से 2014 के बीच सैकड़ों मेडिकल चिकित्सा संस्थानों ने एक भी शोध पत्र प्रकाशित नहीं किया।
4.3 फीसदी चिकित्सा संस्‍थान में 40.3 फीसदी शोध

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में आनंदराव अड़सूल, श्रीरंग अप्पा बार्ने, विनायक भाउराव राउत तथा धर्मेंन्द्र यादव द्वारा किए गए सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया, करेन्ट मेडिसिन रिसर्च एंड प्रैक्टिस नामक पत्रिका के वर्ष 2016 के ताजा अंक में एक अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसका शीर्षक भारतीय चिकित्सा संस्थानों की ओर से वर्ष 2005 से 2014 के बीच शोध के परिणाम है। पटेल ने बताया कि इस अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के चिकित्सा संस्थानों में से केवल 25 यानी 4.3 फीसदी ने ही प्रति वर्ष 100 से अधिक पत्र पेश किए लेकिन देश के कुल शोध परिणाम में उनका योगदान 40.3 फीसदी था।

उन्होंने बताया कि 332 चिकित्सा कालेज तो ऐसे थे जिन्होंने इस अवधि में एक भी शोध पत्र प्रकाशित नहीं किया। पटेल ने बताया कि भारतीय चिकित्सा संस्थानों के कुल शोध परिणाम खराब हैं। मेडिकल कालेजों या संस्थानों द्वारा मौलिक शोध में कमी के कारणों का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा किसी प्रकार का अध्ययन कराए जाने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारतीय चिकित्सा शोध परिषद ने कहा है कि हालिया वर्षों में ऐसा कोई अध्ययन नहीं कराया गया है।

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