Advertisement

ट्रांसजेंडर होना दिमागी विकार नहीं है

ट्रांसजेंडरों को ज्यादातर लोग हिकारत से देखते हैं और कई लोगों का मानना है कि यह दिमागी बीमारी है। इन बातों की लड़ाई लड़ने वाले ट्रांसजेंडरों को एक राहत मिली है। मेक्सिको में एक अध्ययन किया गया और कहा गया कि ट्रांसजेंडर मानसिक विसंगति नहीं है।
ट्रांसजेंडर होना दिमागी विकार नहीं है

मेक्सिको में प्रस्तुत एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रांसजेंडरों को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की बीमारियों की सूची में मानसिक विसंगति के तौर पर नहीं रखा जाना चाहिए। यह रिपोर्ट द लांसेट साइकैटी में छपी है। पत्रिका में लिखा है, ट्रांसजेंडर लोगों के बीच मानसिक तनाव और परेशानी की वजह हिंसा और सामाजिक अस्वीकृति है।

मेक्सिकन एसोसिएशन ऑफ साइकैटी के अध्यक्ष एडुआडर्रो मेडिगल ने कहा, अगर यह अब बीमारी नहीं है तो यह कभी भी बीमारी नहीं थी। यह बात स्पष्ट होनी चाहिए। इस शोध के लिए अप्रैल और अगस्त 2014 के बीच अध्ययन किया गया था। इसमें उन 250 ट्रांसजेंडर वयस्कों को शामिल किया गया जो मेक्सिको सिटी के कोंडेसा स्पेशलाइज्ड क्लिनिक में स्वास्थ्य सेवाएं ले रहे थे। इस समूह के लोगों का साक्षात्कार लिया गया था, जिसमें पाया गया कि 83 प्रतिशत लोगों ने किशोरावस्था के दौरान अपनी लैंगिक पहचान को लेकर तनाव महसूस किया है।

ये नतीजे वर्ष 2018 में डब्ल्यूएचओ के अंतरराष्ट्रीय रोग वर्गीकरण के 11वें संशोधन के दौरान पेश किए जाएंगे। यह सूची दुनियाभर के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए मददगार है। अध्ययन के लेखकों में से एक एना फ्रेसन ने कहा, यह पुनर्निर्धारण ट्रांस समुदाय की पहुंच बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक बनाने में मदद करने वाली नई स्वास्थ्य नीतियों के लिए चर्चाओं को तो बढ़ावा देगा ही, साथ ही साथ यह उस कलंक और अस्वीकृति के दंश को भी कम करने में मदद करेगा, जिससे ये पीड़ित हैं। 

भाषा एजेंसी

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad