Advertisement

क्या कोहिनूर कभी भारत आ पाएगा?

कोहिनूर को ब्रिटेन से वापस लाने की याचिका की सुनवाई उच्चतम न्यायालय ने बंद कर दी है। न्यायालय ने केंद्र सरकार का यह पक्ष स्वीकार कर लिया कि वह ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा वापस लाने के तरीकों का पता लगा रही है। न्यायालय ने कहा कि हम केंद्र के जवाब से संतुष्ट हैं इसलिए इस मामले में कोर्ट को आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है।
क्या कोहिनूर कभी भारत आ पाएगा?

गौरतलब है कि ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फोरम ने न्यायालय से कोहिनूर हीरे को वापस लाने के लिए सरकार को निर्देश देने के संबंध में याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम ब्रिटेन में होने वाली नीलामी को कैसे रोक सकते हैं या किसी दूसरे देश को ऐसे आदेश कैसे दे सकते हैं। हम हैरान हैं कि किस तरह की याचिकाएं दाखिल की जाती हैं।

बता दें कि सितंबर 2016 को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि कोहिनूर हीरा भारत का है और इसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने महाराजा दिलीप सिंह से जब वह नाबालिग थे, तब उनसे धोखे से जब्त कर लिया था। 105 कैरेट के कोहिनूर को कभी भी ब्रिटेन की महारानी को बतौर तोहफा नहीं दिया गया। इससे देश के लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं।

कानूनकोहिनूर काे भारत लाना संभव नहीं  

भारत भले ही कोहिनूर को ब्रिटेन से भारत लाने के लिए जोर लगा रहा हो लेकिन जानकारों की माने तो यह कानूनी रूप से संभव नजर  नहीं आता। हालांकि भारत और ब्रिटेन दोनों यूनेस्को संधि से बंधे हुए हैं लेकिन इस मामले में भारत अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट नहीं जा सकता, क्योंकि कोहिनूर को संधि से पहले ही ब्रिटेन ले जाया जा चुका था 

इससे पहले कोहिनूर हीरे को ब्रिटेन से वापस लाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोहिनूर का मामला गंभीर है, केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर किसी ठोस सुझाव के साथ कोर्ट में आना चाहिए।

 कोहिनूर की भारत वापसी को लेकर भारतीयों की दिलचस्पी खासतौर पर देखी जा सकती है। ऐसे में कोहिनूर को भारत लाने संबंधी याचिका पर न्यायालय का रूख काफी कुछ तय करता है।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad