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सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से पूछा, क्या सहकारी बैंक पुराने नोट स्वीकार कर सकते है

उच्चतम न्यायालय ने आज कई मुद्दों पर केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है। न्यायालय जानना चाहता है कि क्या जिला सहकारी समितियां कुछ शर्तों के साथ पुरानी मुद्रा स्वीकार कर सकती हैं और क्या बैंकों से न्यूनतम धन निकासी सुनिश्चित की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से पूछा, क्या सहकारी बैंक पुराने नोट स्वीकार कर सकते है

प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने अटार्नी जनरल से कहा कि वह इस बारे में निर्देश प्राप्त करके सहकारी बैंकों को चलन से बाहर हो गये नोट स्वीकार करने पर प्रतिबंध सहित विभिनन मुद्दों पर सरकार के दृष्टिकोण से अवगत करायें। पीठ ने यह भी सवाल किया कि जब धन निकालने की न्यूनतम सीमा निर्धारित की गयी है तो फिर लोग यह धन क्यों नहीं निकाल पा रहे हैं।

पीठ ने इस मामले की सुनवाई 14 दिसंबर के लिये स्थगित करते हुये कहा, क्या हम कह सकते हैं कि यह साप्ताहिक न्यूनतम राशि एक व्यक्ति बैंक से निकाल सकता है। इस बीच, पीठ ने भावी सुनवाई के लिये विभिन्न विचारणीय कानूनी सवाल तैयार करने का प्रस्ताव रखा।

इस पर रोहतगी ने विमुद्रीकरण पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों पर रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर अगली सुनवाई में विचार किया जायेगा।

भाषा

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