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शुद्ध पेयजल के लिए आईआईटी ने दी आर्थिक सहायता

आम जनता को शुद्ध और सस्ता पानी उपलब्ध कराने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आईआईटी कानपुर ने लखनऊ की डिसेंटिक टेक्नालॉजी कंपनी को नवोन्मेषी कार्यक्रम के तहत 50 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई है।
शुद्ध पेयजल के लिए आईआईटी ने दी आर्थिक सहायता

आईआईटी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि डिसेंटिक टेक्नालॉजी कंपनी के विनीत वत्स और उनकी टीम ने वाह नाम का एक ऐसा मोबाइल वॉटर एटीएम तैयार किया है जिसमें कम दाम पर दो रुपये में 250 मिलीलीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। वाह वॉटर एटीएम द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा तथा इसमें फूड ग्रेड रिसाइकेबल पेपर के गिलास का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे पानी की बोतल से उत्पन्न होने वाले लगभग 1500 से 3500 किलोग्राम प्लास्टिक के कचरे को रोका जा सकता है।

बयान में कहा गया कि डिसेंटिक टेक्नालॉजी द्वारा इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंपों पर आरओ प्रणाली लगाए जाने के लिए उनके साथ समझौता किया गया है। पेट्रोल पंपों पर लगाए जाने वाले ये आरओ पांच किलोमीटर के दायरे में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएंगे।

आईआईटी में अनुसंधान एवं विकास के प्रो. समीर खांडेकर के मुताबिक डिसेंटिक टेक्नालॉजी की स्थापना का उद्देश्य लोगों को शुद्ध पेयजल पहुंचाना है और साथ ही उद्यमिता को आगे बढ़ाना है। आईआईटी की मदद से यह कंपनी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगी। आईआईटी द्वारा जो धनराशि कंपनी को दी गयी है, वह एक समय सीमा के अंदर वापस लौटानी होगी।

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