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राजस्‍थानः कल मावे पर रोक लगाई, आज हटाई

राजस्थान सरकार ने कल प्रदेश में मावा एवं मावे से निर्मित खाद्य पदार्थों के निर्माण एवं विक्रय पर लगाई गई रोक आज हटा दी। सरकार ने मावा और मावे से बनी मिठाईयों पर रोक लगाने के आदेश आनन-फानन में जारी करने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
राजस्‍थानः कल मावे पर रोक लगाई, आज हटाई

राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मावे पर लगी रोक को लेकर आज हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने मावा और मावे से निर्मित खाद पदार्थों के निर्माण एवं विक्रय पर लगाई गई रोक पर गुण-अवगुण की समीक्षा करने के बाद रोक हटाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मावे में किसी तरह की मिलावट नहीं हो इसके लिए जांच अभियान चलाया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे। उन्होंने कहा कि जांच के लिए उठाए जाने वाले नमूनों की जांच रिपोर्ट एक पखवाड़े में आ जाए यह सुनिश्चित किया जाएगा और इसके लिए भारत सरकार और निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं की सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि मावे के निर्माण और इससे बने खाद्य पदार्थों की बिक्री पर आनन-फानन में लगाई गई रोक के मामले की जांच प्रमुख शासन सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जांच) करेंगे। सरकार मावे के निर्माण, बिक्री पर रोक हटाने के बारे में लिए गए निर्णय की जानकारी राजस्थान उच्च न्यायालय को भी देगी एवं मावे में मिलावट को रोकने के लिए सरकार की कार्य योजना से भी अवगत कराएगी।

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने मावा व्यापारियों की मांग और त्यौहारी सीजन को देखते हुए यह निर्णय लिया है। उन्होने कहा कि मावा व्यवसाय से प्रदेश में एक लाख से अधिक व्यापारी सीधे तौर से जुड़े हुए है। राज्य में दूध भी पर्याप्त मात्रा में है ऐसे में मावा के निर्माण एवं बिक्री से रोक हटाने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ के मौखिक निर्देश पर कल आनन-फानन में राज्य में मावा एवं मावे से निर्मित खाद्य पदार्थों के निर्माण एवं विक्रय पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी थी।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि वर्तमान भाजपा सरकार का इससे ज्यादा निकम्मापन और क्या होगा कि वह मिलावट को तो रोक नहीं पा रही है और मावा बनाने पर रोक का फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि दूध की कमी के कारण दिल्ली तक में 10 दिन के लिए रोक लगती है, ऐसा देखा गया है, मगर दीपावली तक मावा बनाने पर ही रोक लगा देना समझ से परे है। 

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