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ममता विमान लैंडिंग विवाद: जल्दी उतरने के लिए पायलटों ने की थी शरारत

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक शीर्ष अधिकारी ने आज कहा कि हाल ही में कोलकाता के ऊपर उड़ान भर रहे तीन विमानों का चालक दल खुद को समय पालन में बेहतर दिखाने के लिए विमान को निर्धारित समय से पहले उतारना चाहता था इसलिए झूठी चेतावनी देकर शरारत कर रहा था। अधिकारी ने उन्हें हटाने की कार्रवाई को सही ठहराया है।
ममता विमान लैंडिंग विवाद: जल्दी उतरने के लिए पायलटों ने की थी शरारत

डीजीसीए अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि तीनों विमान में दरअसल पर्याप्त ईंधन था और पायलट खुद को समय का पाबंद दर्शाने के लिए विमान को जल्दी उतारना चाहते थे। नागर विमानन महानिदेशालय ने इस बात का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया था कि तीन विमानों में एक ही समय में ईंधन कैसे कम हो गया। महानिदेशालय ने इसके बाद इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइस जेट के इन विमानों के पूरे कॉकपिट दल को काम से हटाने का निर्देश दे दिया है।

अधिकारी ने कहा, तीनों विमानों में पर्याप्त ईंधन था। उतरने के क्रम में एयर इंडिया छठे नंबर पर था जबकि इंडिगो की उड़ान आठवें नंबर पर थी। स्पाइस जेट का विमान इन तीनों में आखिरी नंबर पर था। उन्होंने कहा, उसके बाद भी इंडिगो के पायलट ने यह कहते हुए एटीसी से जल्द उतरने की इजाजत मांगी कि उसके विमान में ईंधन कम है। अनुमति देने से पहले एटीसी ने एयर इंडिया के पायलट से पूछा तो उसने भी कम ईंधन होने की बात कही। तभी स्पाइस जेट का पायलट भी बीच में आ गया और उसने भी कम ईंधन होने का रोना रोया। लेकिन उनमें से किसी ने भी क्रम बदलकर लैंडिंग में प्राथमिकता नहीं मांगी क्योंकि इससे वे जांच के दायरे में आ जाते। अधिकारी ने कहा, इन पायलटों ने दरअसल शरारत की थी। यह भेड़िया आया भेड़िया आया जैसी झूठी चेतावनी जैसा था।

इन्हीं में इंडिगो एयरलाइंस के एक विमान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अन्य यात्रियों के साथ सवार थीं। यह मामला उस समय तूल पकड़ गया जब तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसकी नेता ममता बनर्जी को लेकर आ रहे इंडिगो विमान को कम ईंधन के बावजूद उतरने में प्राथमिकता नहीं दी गई। नियम कहते हैं कि विमान में इतना ईंधन होना चाहिए कि वह 30-40 मिनट आसमान में चक्कर लगा सके या निकटतम हवाई अड्डे तक पहुंच सके जो इस मामले में भुवनेश्वर था। अधिकारी ने कहा कि पूरे विवाद के चलते सभी छह पायलटों को एक हफ्ते के लिए काम से हटा दिया गया। वहीं इंडिगो ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 30 नवंबर को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो को लेकर आ रहे विमान को कोलकाता हवाई अड्डे पर विमानों की भीड़ होने के कारण देर हुई। कंपनी ने एक बयान में कहा कि विमान कोलकाता हवाई अड्डे पर सामान्य ढंग से उतरा और विमान के कैप्टन ने ईंधन प्राथमिकता या आपातस्थिति की घोषणा नहीं की थी, हालांकि एटीसी और पायलट के बीच कुछ गलतफहमी थी।

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