Advertisement

उत्‍तराखंड में भी भुखमरी से मौत, प्रदेश में मचा हड़कंप

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया क्षेत्र के खजुरानी गांव में एक 17 वर्षीया किशोरी की कथित रूप से भुखमरी के चलते मौत हो जाने की खबर से पूरे उत्तराखंड में हड़कंप मच गया है। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने राज्य सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए इस घटना को देवभूमि पर एक कलंक करार दिया है।
उत्‍तराखंड में भी भुखमरी से मौत, प्रदेश में मचा हड़कंप

अल्मोड़ा के जिलाधिकारी सविन बंसल ने भाषा को बताया कि मामले का संज्ञान लेते हुए चौखुटिया के उपजिलाधिकारी को मौके पर भेजकर उसकी पड़ताल करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल सड़क मार्ग से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित दूरस्थ गांव है।

बंसल ने बताया कि दो सप्ताह पहले उन्होंने इस क्षेत्र में कैंप लगाया था और तब इस परिवार के चार सदस्यों के मानसिक रोग से ग्रस्त पाये जाने पर उन्होंने उनके लिये मौके पर ही पेंशन स्वीकृत करवायी थी। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है और जल्द ही उन्हें पेंशन मिलने लगेगी।

पन्द्रह अप्रैल को हुई इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने राज्य सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए इसे देवभूमि पर कलंक बताया है।

उपाध्याय ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को पत्र लिखकर राज्य में इस तरह की संवेदनशील घटनाओं का संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार को शीघ्र राहत पहुंचाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमण्डल को खजुरानी गांव भेजकर पीड़ित परिवार को 21 हजार रूपये की सहायता राशि भी पहुंचाई है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उपाध्याय ने कहा, यह अत्यंत दुख एवं खेद का विषय है कि प्रदेश की अमूल्य जिन्दगियां राज्य सरकार की लापरवाही के कारण भूख से असमय काल कवलित हो रही हैं। अल्मोड़ा जिले की 17 साल की किशोरी की भूख से मौत देवभूमि उत्‍तराखण्ड पर काला धब्बा है। प्रदेश में हो रही इस तरह की घटनायें राज्य सरकार की एक माह की अकर्मण्यता का नतीजा हैं।

उपाध्याय ने कहा कि मृत्यु पर किसी का वश नहीं है लेकिन मानवीय भूलों के कारण किसी के घर का चिराग बुझाना चिन्तनीय विषय है और सरकार को इस सम्बन्ध में समुचित कदम उठाने चाहिए। इस संबंध में उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में गरीब लोगों को न तो पेंशन और न ही सस्ता गल्ले के माध्यम से मिलने वाला अनाज मिल पा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से इस संवेदनशील घटना का संज्ञान लेते हुए उनसे तुरंत वहां जाने को भी कहा जिससे नौकरशाहों में इस तरह की घटनाओं के प्रति संवेदनशीलता का अभाव दूर हो सके। इससे पहले, एक बातचीत में उपाध्याय ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की तथा कहा कि राज्य सरकार को किशोरी के परिजनों की देखभाल की जिम्मेदारी लेने को कहा है ताकि भविष्य में उस परिवार में कोई और अप्रिय घटना न हो।

द्वाराहाट के भाजपा विधायक महेश नेगी ने भी इस मसले पर मुख्यमंत्री रावत को एक पत्र लिखकर खजुरानी गांव में हुई इस घटना की जानकारी दी। नेगी ने बताया कि पिछले 10 साल से अभावग्रस्त जीवन जी रहे परिवार की किशोरी सरिता की 15 अप्रैल को मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि परिवार के मुखिया की भी कुछ समय पहले मौत हो चुकी है। नेगी ने मुख्यमंत्री से परिवार के लिये जल्द से जल्द मदद की गुहार भी लगायी है। भाषा

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement