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मुलायम सिंह पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

फोन पर धमकी देने के मामले में आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की अर्जी पर सुनवाई के बाद लखनऊ की एक अदालत ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
मुलायम सिंह पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को टेलीफोन पर धमकाने के आरोप में लखनऊ की एक अदालत ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सोम प्रभा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत ठाकुर की अर्जी को मंजूर करते हुए अपने आदेश में कहा कि 'थानाध्यक्ष हजरतगंज, लखनऊ को आदेश दिया जाता है कि वह समुचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधि अनुसार विवेचना सुनिश्चित करें एवं मामले की कार्यवाही से न्यायालय को अवगत कराएं'। अदालत ने माना कि ठाकुर ने जो तथ्य उपलब्ध कराए हैं उनका अध्ययन करने से पता लगता है कि यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 506 (धमकाने) के तहत आता है। न्यायालय ने कहा कि हजरतगंज थाने की स्टेशन डायरी के अनुसार आवेदक द्वारा दिया गया प्रार्थनापत्र ख्याति प्राप्त करने के उद्देश्य से दिया गया। डायरी में इस प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज है या नहीं इसका कोई उल्लेख नहीं है।

गौरतलब है कि आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के मुखिया पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा दस जुलाई को फोन पर दी गई धमकी के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए 11 जुलाई को हजरतगंज कोतवाली में तहरीर दी थी। ठाकुर ने यादव के विरुद्ध मामला दर्ज नहीं किए जाने पर 22 जुलाई को लखनउ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश पांडेय को भी प्रार्थनापत्र भेजा था। इसके पूर्व 17 जुलाई को लिखे पत्र के जरिये हजरतगंज के कोतवाल विजयमल यादव ने ठाकुर को सूचित किया था कि उनकी शिकायत की जांच में आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने इस जांच को विधि विरूद्ध करार देते हुए 31 जुलाई को धारा 156(3) के तहत मुलायम सिंह यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश देने के लिए अदालत से गुहार लगाई थी।

सपा मुखिया के खिलाफ हजरतगंज थाने पर प्राथमिकी की तहरीर देने के बाद ठाकुर के विरद्ध गाजियाबाद की एक महिला की तरफ से बलात्कार की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसको लेकर ठाकुर ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से सीबीआई जांच की मांग की थी और उसके बाद 13 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। निलंबन से पहले पुलिस महानिरीक्षक (नागरिक सुरक्षा) के पद पर तैनात रहे ठाकुर को सरकार ने निलंबन के बाद 200 पृष्ठों का आरोप पत्र दिया था और उनके खिलाफ सर्तकता विभाग से जांच का आदेश दे दिया था, जो अभी चल रही है।

 

 

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