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पेप्सिको के कारोबार पर नोटबंदी के दीर्घकालिक प्रभाव होंगे: नूई

पेप्सिको की भारतीय मूल की सीईओ इंदिरा नूई ने कहा है कि वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में भारत में कंपनी का कारोबार विशेष तौर पर प्रभावित हुआ है और इसका असर अभी भी बना हुआ है। दिसंबर 2016 में खत्म हुई अंतिम तिमाही में प्राप्त मुनाफे के बारे में नूई ने कहा, नोटबंदी से लगभग पूरा उद्योग जगत, खासकर डिब्बाबंद उपभोक्ता सामान वाला क्षेत्रा प्रभावित हुआ है।
पेप्सिको के कारोबार पर नोटबंदी के दीर्घकालिक प्रभाव होंगे: नूई

 इससे खुदरा व्यापारी भी प्रभावित हुए हैं। अंतिम तिमाही में नोटबंदी का भारत में पेप्सी के कारोबार पर भी असर पड़ा है। उनसे पूछा गया था कि नोटबंदी का पेप्सी के शीतल पेय और स्नेक्स के कारोबार पर क्या असर पड़ा है, इस पर नूई ने कहा कि भारत सरकार के इस फैसले का प्रभाव अब तक जारी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अभी भी निश्चित नहीं हैं कि संकट का दौर खत्म हो चुका है या नहीं।

उन्होंने कहा कि नीति के क्रियान्वयन की अपनी चुनौतियां होती हैं, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल जून में खत्म होने वाली दूसरी तिमाही तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा। पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डाॅलर का मुनाफा हुआ था जो वर्ष 2015 में इसी दौरान प्राप्त 18.58 अरब डाॅलर से पांच फीसदी अधिक है। हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

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