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मुस्लिम समुदाय को तीन तलाक पर गंभीरता से विचार करना चाहिए: आरएसएस

मुसलमानों के बीच एक साथ तीन तलाक की व्यवस्था को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खारिज किए जाने के एक दिन बाद आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि समुदाय को तीन तलाक के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।
मुस्लिम समुदाय को तीन तलाक पर गंभीरता से विचार करना चाहिए: आरएसएस

तीन तलाक को लेकर चल रही बहस के बीच आरएसएस के अखिल भारतीय महासचिव भैयाजी जोशी ने हैदराबाद में आज कहा, तीन तलाक का मुद्दा मुसलमानों का आंतरिक मामला है और इस संदर्भ में मुस्लिम समुदाय को गंभीरता से सोचना चाहिए। मुस्लिम महिलाएं इस मुद्दे पर अदालत गई हैं। वर्तमान युग में लिंग आधारित कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। तीन तलाक के मुद्दे पर महिलाएं अदालत में गई हैं और हम आशा करते हैं कि उनको उचित न्याय मिलेगा। संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी परिषद की बैठक के आखिरी दिन जोशी ने कहा, मुस्लिम समुदाय को इस पर सोचना और फैसला करना चाहिए। हमें लगता है कि अब इस बात की आवश्यकता है कि अदालत को इस मामले पर मानवीय दृष्टिकोण से अपनी राय देना चाहिए।

इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा एवं केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह प्रदेश एवं कुछ अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मददेनजर तीन तलाक एवं एक समान नागरिक संहिता जैसे शरीयत से जुड़े धार्मिक मुद्दों को लेकर नया विवाद खड़ा कर रही है जो कि अति-निन्दनीय है। वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार और भाजपा तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के हक में हैं क्योंकि यह महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण और समानता के संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है।

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