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महबूबा ने कुछ इलाकों से अफ्सपा हटाने की वकालत की

जम्मू-कश्मीर में उप-चुनाव से पहले मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विवादित सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून :अफ्सपा: का मुद्दा उछालते हुए कहा है कि कुछ इलाकों से अफ्सपा हटाकर इसका असर देखना चाहिए।
महबूबा ने कुछ इलाकों से अफ्सपा हटाने की वकालत की

हथियारबंद लड़ाकों के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही महबूबा ने अफ्सपा हटाने की वकालत करते हुए कहा कि सुशासन सुनिश्चित करने के लिए उन्हें शांति की गुंजाइश चाहिए ताकि हथियारबंद लड़ाकों की ओर से कब्जा की गई जगह कम की जा सके।

उन्होंने कहा कि पीडीपी और भाजपा एक एजेंडा ऑफ अलायंस पर साथ आए थे, जिसमें अफ्सपा हटाना भी शामिल था।

आतंकवाद से मुकाबले के विषय पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, हमें अफ्सपा हटाने से परहेज नहीं करना चाहिए। जब चीजें सुधर रही हैं, तो क्यों नहीं?

उन्होंने कहा, जब हालात खराब होते हैं तो हम परहेज नहीं करते। हम ज्यादा सुरक्षा बलों को बुलाने से परहेज नहीं करते.....हम सेना को पहले से ही सक्रिय रहने को कहते हैं, लेकिन जब हालात सुधरते हैं तो हमें इस तथ्य से परहेज नहीं करना चाहिए कि हमें कुछ इलाकों से अफ्सपा हटाने की शुरूआत करने की जरूरत है और देखना है कि इसका क्या असर होता है।

सेमिनार का आयोजन इंडिया फाउंडेशन नाम के एक थिंक टैंक की ओर से किया गया। राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार :एनएसए: अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल इंडिया फाउंडेशन के संचालक हैं। चार केंद्रीय मंत्री और भाजपा महासचिव राम माधव सहित पार्टी के कई नेता इस संस्था के बोर्ड में हैं।

महबूबा ने यह भी कहा कि जब हालात सुधरते हैं तो सुरक्षा शिविरों को लोगों से दूर ले जाने की जरूरत है।

अनंतनाग लोकसभा सीट पर होने जा रहे उप-चुनाव के लिए पीडीपी के उम्मीदवार घोषित किए गए अपने भाई तसद्दुक का हवाला देते हुए महबूबा ने कहा कि उनके भाई चाहते हैं कि हमारे बच्चे अपने हाथों में पत्थर रखने की बजाय चिडि़यों और तितलियों के पीछे भागें।

तसद्दुक पेशे से सिनेमटोग्राफर हैं और ओमकारा जैसी सुपरहिट बॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। महबूबा की ओर से अनंतनाग लोकसभा सीट खाली करने की वजह से वहां उप-चुनाव कराए जाने हैं।

महबूबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए वह सभी पक्षों से बातचीत शुरू करें।

उन्होंने कहा, हमें ऐसी वार्ता की जरूरत है जिसकी शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से की गई थी। मुझे यकीन है कि हमारे मौजूदा प्रधानमंत्री, जिन्हें नैतिक अधिकार है, जल्द से जल्द कदम उठाएंगे। हमारे पास अभी एक साहसिक नेतृत्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा, हमने पैलेट गन, बंदूकों, हथगोलों, आंसू गैस वगैरह का इस्तेमाल किया है। हम इसे जारी नहीं रख सकते। वे :प्रदर्शनकारी: भारत के हिस्से हैं। भाषा

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