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लश्कर ने बनाई थी ताज होटल में रक्षा वैज्ञानिकों पर हमले की योजना

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने आज अदालत के समक्ष कहा कि लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 के मुंबई हमलों से एक साल पहले ताज होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों हमले की योजना बनाई थी। हेडली ने यह भी कहा कि उसने नौसैन्य वायु स्टेशन और सिद्धीविनायक मंदिर की रेकी की थी।
लश्कर ने बनाई थी ताज होटल में रक्षा वैज्ञानिकों पर हमले की योजना

मुंबई की अदालत के समक्ष लगातार दूसरे दिन वीडियो कांफ्रेंस के जरिए गवाही देते हुए हेडली ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की आईएसआई ने उससे कहा था कि वह जासूसी करने के लिए भारतीय सैन्यकर्मियों को नियुक्त करे। हेडली ने यह भी कहा, वर्ष 2007 के नवंबर और दिसंबर में लश्कर-ए-तैयबा ने मुजफ्फराबाद में एक बैठक की थी, जिसमें (हेडली के आका) साजिद मीर और किसी अबु खफा ने शिरकत की थी। इस बैठक में यह तय हुआ था कि आतंकी हमले मुंबई पर किए जाएंगे।

हेडली ने कहा, मुंबई के ताज होटल की रेकी का काम उसे सौंपा गया था। उनकेे (साजिद और खफा) पास जानकारी थी कि ताज होटल के सम्मेलन कक्ष में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों की बैठक होने वाली है। वे लोग उसी समय हमला बोलने की योजना बनाना चाहते थे। उन लोगों ने ताज होटल का एक प्रतिरूप (डमी) भी बनाया था। हालांकि वैज्ञानिकों की बैठक रद्द हो गई थी। हेडली ने कहा कि नवंबर 2007 से पहले, यह तय नहीं था कि भारत में आतंकी कृत्यों को किस स्थान पर अंजाम दिया जाएगा। बाद में हेडली ने कहा कि ताज होटल के सम्मेलन कक्ष पर हमला बोलने की योजना साजो-सामान संबंधी कारणों के चलते रद्द कर दी गई थी। हथियारों और लड़ाकों को हाॅल तक ले जाना संभव नहीं था। 

पहली बार 2006 में मुंबई आया था हेडली 

अपनी मुंबई यात्रा की जानकारी देते हुए हेडली ने कहा कि लश्कर से जुड़ने के बाद वह 14 सितंबर 2006 को पहली बार मुंबई आया था। लेकिन उस समय, यह तय नहीं था कि किस स्थान को निशाना बनाया जाना है। वर्ष 2007 में उसने कई बार ताज होटल की रेकी की। शहर के कई स्थानों का सामान्य निरीक्षण किया था लेकिन यह बात पूरी तरह याद नहीं कि उस समय टाइडेंट होटल की रेकी की थी या नहीं।

सिद्धीविनायक मंदिर का भी वीडियो बनाया 

26/11 आतंकी हमले के मामले में सरकारी गवाह बने 55 वर्षीय हेडली ने कहा, मार्च 2008 में जब वह मुंबई आया तो उसने ताज होटल, नौसैन्य वायु स्टेशन और दक्षिण मुंबई में महाराष्ट्र राज्य पुलिस मुख्यालय जैसे कई स्थानों का निरीक्षण किया। उसी ने आतंकियों के उतरने के स्थानों का भी चयन किया था।

उसने कहा, मैंने लियोपोल्ड कैफे से चबाड हाउस (नरीमन हाउस) तक पूरी कोलाबा पट्टी का वीडियो बनाया। मैंने सिद्धीविनायक मंदिर का भी वीडियो बनाया था क्योंकि साजिद (लश्कर में हेडली का आका) ने मुझे विशेषतौर पर यह करने के लिए कहा था। हेडली ने कहा कि उसने मुंबई दौरों के दौरान जीपीएस का इस्तेमाल किया ताकि वह लक्षित स्थानों की स्थिति और अरब सागर में ठिकानों की स्थिति की जानकारी इकट्ठा कर सके। हेडली ने विशेष सरकारी अभियोजक उज्ज्वल निकम द्वारा की गई जिरह के दौरान कहा, मैंने पाकिस्तान लौटने के बाद साजिद मीर और अबु खफा को फोटोग्राफ, वीडियो और जीपीएस सौंपे।

जिहाद कौंसिल के सहयोगी हैं जैश और लश्कर

हेडली ने गवाही देते हुए कहा कि लश्कर, जैश-ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और हरकत उल मुजाहिद्दीन यूनाइटेड जिहाद कौंसिल के सहयोगी है जो कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सक्रिय हैं। उसने और खुलासे करते हुए कहा, मैं पाकिस्तान में लाहौर की एक मस्जिद में 2003 की शुरूआत में अब्दुल रहमान पाशा (सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी) से मिला था। मैं जब पहले पाशा से मिला था, तब उसका अलकायदा से कोई संबंध नहीं था लेकिन शायद दो साल के बाद वह लश्कर छोड़कर अलकायदा में शामिल हो गया।

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूर अजहर के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा, मैं मौलाना मसूद अजहर को जानता हूं। मैंने अक्तूबर 2003 में उसे एक बार देखा था। वह जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। वह अक्तूबर 2003 में लश्कर की एक सभा में मेहमान वक्ता था।

भारतीय सैन्‍यकर्मियों को जासूस बनाने की कोशिश 

हेडली ने यह भी बताया कि उसे पाकिस्तान की आईएसआई ने उनके लिए जासूसी करने के लिए किसी भारतीय सैन्यकर्मी को भर्ती करने को कहा था। हेडली ने कहा कि भारत में आतंकी हमलों के लिए मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार है और यह कयास लगाया जा सकता है कि सभी आदेश इसके शीर्ष कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी की ओर से आए। खुलासे जारी रखते हुए हेडली ने कहा, मैं वर्ष 2006 की शुरूआत में आईएसआई के मेजर इकबाल से लाहौर में मिला था। उन्होंने मुझे भारत की खुफिया सैन्य जानकारी एकत्र करने के लिए कहा था। 

मुंबई हमले के पीछे लश्कर का हाथ 

हेडली ने अदालत को बताया, मैं इस अदालत को यह नहीं बता सकता कि लश्कर-ए-तैयबा के किस व्यक्ति विशेष ने भारत में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के निर्देश दिए। पूरा समूह ही जिम्मेदार था। हालांकि हम यह कयास लगा सकते हैं कि चूंकि लश्कर के अभियानों का प्रमुख जकी-उर-रहमान था, एेसे में तार्किक तौर पर सभी आदेश उसी की ओर से आए होंगे। मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के चलते अमेरिका में 35 साल कारावास की सजा काट रहे हेडली ने यह भी कहा कि उसकी पत्नी ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ उसके संबंधों की शिकायत पुलिस में कर दी थी।

 हेडली ने कल अपनी पहली गवाही में अदालत को बताया था कि पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में 26/11 के हमलों से पहले दो बार हमले करने की कोशिश की थी लेकिन दोनों बार प्रयास विफल रहे। खुद को लश्कर-ए-तैयबा का कट्टर समर्थक बताते हुए हेडली ने विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम द्वारा की जा रही जिरह में यह भी माना कि वह आतंकी संगठन के संस्थापक हाफिज सईद के भाषणों से प्रभावित और प्रेरित होकर लश्कर से जुड़ा था।

 

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