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अलवर से गुजरात तक दलित यात्रा निकालेेंगे जिग्नेश मेवाणी!

युवा नेता जिग्नेश मेवाणी ने दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अावाज उठाने के लिए दलित संगठनाेें को अलवर से गुजरात तक यात्रा निकालने का सुझाव दिया है। देखना है वह खुद कब इस पर अमल करते हैं।
अलवर से गुजरात तक दलित यात्रा निकालेेंगे जिग्नेश मेवाणी!

अलवर में गौरक्षा के नाम पर पहलू खान नामक व्यक्ति की हत्या के विरोध में जिग्नेेेेश सोमवार को जयपुर में एक धरने को समर्थन देने पहुंचे थे। विधानसभा के सामने धरना स्थल पर उन्होंने कहा कि दलितों के साथ हो रहे अन्याय के लिए देश में एक व्यापक दलित आन्दोलन खड़ा करने की जरूरत है। दो दिन बाद यानी 26 अप्रैल से एक अभियान की शुरूआत की जाएगी, जिसमें सोशल साइट्स और अन्य माध्यमों के जरिए दलितोेंं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। कार्यकर्ताओं को अलवर से अहमदाबाद तक एक यात्रा निकालनी चाहिए, जिसमें पीड़िताेें के परिजन भी शामिल हों।

अलवर की घटना पर रोष जाहिर करते हुए मेवाणी के अलावा कई सामाजिक कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे। पीपुल्स यूनियन फाॅॅॅर सिविल लिबट्रीज (पीयूसीएल) की महासचिव कविता श्रीवास्तव ने इस मौके पर पहलू खान हत्याकांड के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और गौरक्षा के नाम पर बढ़तेे हमलों पर अंकुश लगाने की मांग की।

इस मौके पर जिग्नेेश मेवाणी ने कहा कि दलित उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैैं लेकिन न राजस्थान सरकार को इसकी फिक्र है, और न गुजरात सरकार को कोई चिंता। केंद्र सरकार भी इन मामलों की तरफ से आंखेें मूंद रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेरोजगारों को रोजगार देने और बेघर लोगों को घर देने के अपने वायदे में विफल हो जाने के कारण गोरक्षा और गायों के मुद्दे उठाकर लोगों का ध्यान भटका रहे हैं। अलवर जिले के बहरोड में हुई घटना की तरह ही गुजरात में भी इस तरह की घटना हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि जिग्नेेश तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने गुुुुजरात के उना में दलितों युवकों की बेरहमी से पिटाई के बाद 'मृत पशुओं को उठाने से इंकार" करने की मुहिम का नेतृत्व किया। जल्द ही वह गुजरात में दलित आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे। अटकलेंं हैं कि 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में मेवाणी आम आदमी पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं। 

 

- एजेंसी इनपुट

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