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भारत को गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: दलाई लामा

तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि भारत को बड़े-बड़े शहरों को विकसित करने की बजाय गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
भारत को गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: दलाई लामा

दलाई लामा ने देवास जिले के तुर्नाल गांव में नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए चलाई जा रही नर्मदा सेवा यात्रा कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, भारत का ज्यादातर जीवन कृषि पर आधारित है। बड़े-बड़े शहर बनाने की जगह गांव के विकास पर फोकस होना चाहिए।

उन्होंने कहा, भारत की समृद्धि गांव पर निर्भर है। विकास की यात्रा गांव से ही प्रारंभ होनी चाहिए। दलाई लामा ने कहा, भारत में ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होना जरूरी है। बुनियादी सुविधाएं ग्रामीण इलाकों में मिलनी चाहिए। भारत का परिवर्तन ग्रामीण विकास से होगा।

उन्होंने कहा कि गांव में स्कूल आम आवश्यकता है, लेकिन वहां मनोरंजन के लिए सिनेमाघर भी बनने चाहिए। इसके अलावा, बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी गांव में ही होनी चाहिए, ताकि गांव के लोग शहरों की तरफ पलायन न करे।

बौद्ध धर्मगुरु ने कहा कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के साथ-साथ विश्व में जाति और रंगभेद की समस्या से होने वाले दुराचारों के खिलाफ सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, महिलाओं में करुणा का भाव अधिक होता है। दुनिया को बेहतर बनाने के लिए महिलाओं की भागीदारी अधिक करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, हम सब सामाजिक प्राणी हैं। आज विश्व में ज्यादातर समस्याएं जति और रंगभेद को लेकर हैं। चारों तरफ भेदभाव और अत्याचार है। इन दुराचारों को नष्ट करने के लिए हम सब को एकजुट होने की आवश्यकता है।

दलाई लामा ने बताया कि हम सबकी मूलभूत आवश्यकता एक है। सब खुखी रहना चाहते हैं। विश्व की सात अरब लोगों में से सभी की यही अभिलाषा है। सुख से रहने की अभिलाषा है। सुख का वातावरण बनाना है। स्वार्थी भावना को खत्म करने चाहिए।

दलाई लामा ने महिलाओं एवं बच्चियों के आगे बढ़ने पर जोर दिया और कहा कि आज की शिक्षा पद्धति भौतिक विकास पर निर्भर करती है। आधुनिक समय की शिक्षा कारगर नहीं है, परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा में प्रेम करना और मानवीय सिद्धांतों का समावेश होना चाहिए।

दलाई लामा ने कहा कि विश्व पर्यावरण बदल रहा है तथा हमें सारे विश्व के बारे में सोचना होगा। आबादी में भी वृद्धि हो रही है। अर्थव्यवस्था में हर व्यक्ति की भागीदारी की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण काम करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। हमारे पूर्वज पर्यावरण पर निर्भर रहे हैं और आने वाली पीढ़ी भी इस पर निर्भर रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी को धरती पर रहना है, इसलिए पानी को बचाना है, वृक्षारोपण भी हमें हर तरफ करना है। भाषा

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