Advertisement

गुजरात में खुली पुलिस हिंसा की पोल, हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

गुजरात में भड़की आरक्षण आंदोलन की आग के पीछे पुलिस की संदिग्ध भूमिका के सबूत हाईकोर्ट को सौंपे गए हैं। सीसीटीवी कैमरे से पता चला है कि मंगलवार को हुई पटेल समुदाय की रैली के बाद पुलिस ने किस तरह तोड़फोड़ शुरू कर दी थी।
गुजरात में खुली पुलिस हिंसा की पोल, हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

सीसीटीवी कैमरे ने अहमदाबाद में मंगलवार को पटेल आरक्षण रैली के बाद पुलिस की ओर से की गई तोड़फोड़ और हिंसा की पोल खोल दी है। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस आयुक्‍त को जांच कर दो हफ्ते के अंदर रिपोर्ट साैंपने को कहा है। आरोप हैं कि रैली खत्‍म होने के बाद पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया, कई जगह वाहनों को नुकसान पहुंचाया और दहशत फैलाने की कोशिश की गई। आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी राज्‍य में फैली हिंसा के लिए पुलिस को जिम्‍मेदार ठहराया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्‍य सरकार, राज्‍य के गृह विभाग, पुलिस महानिदेशक और शहर पुलिस आयुक्‍त व स्‍थानीय पुलिस अफसरों को नोटिस भेजा है। 

 

गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले पर टिप्‍पणी करते हुए कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई? पुलिस लोगों को क्‍या संदेश दे रही है? आला अधिकारियों को इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए ताकि लोगों का भरोसा पुलिस में कायम रह सके। गौरतलब है कि अहमदाबाद के वकील विराट पोपट और तीरथ दवे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि 25 अगस्‍त को करीब 40 पुलिसकर्मी उनकी हाउसिंग सोसायटी में घुसे और वाहनों के साथ तोड़फोड़ करने लगे। उन्‍होंने अदालत को सीसीटीवी फुटेज भी सौंपे हैं। 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad