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'मुसलमानों को राष्ट्र विरोधी बताने की हो रही है कोशिश'

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष आबिद रसूल खान ने कहा है कि विधि आयोग की ओर से समान नागरिक संहिता और एक साथ तीन तलाक के मुद्दों पर प्रश्नावली जारी करना मुसलमानों को राष्ट्र विरोधी घोषित करने की कोशिश है।
'मुसलमानों को राष्ट्र विरोधी बताने की हो रही है कोशिश'

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष खान ने कहा, केंद्र की भाजपा सरकार ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रही है जहां मुस्लिम समुदाय आंदोलन करे और ऐसा कुछ करे जो अच्छा नहीं हो और बदले में उनको राष्ट्र विरोधी, संविधान को नहीं मानने वाला घोषित कर दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया, मुस्लिम समुदाय दक्षिणपंथी तत्वों और एजेंसियों के जाल में फंस रहा है। खान ने कहा, आप दूसरे धर्म के लोगों को नहीं कह रहे हैं कि आप अपने उनके धर्मिक अधिकारों में कैसे बदलाव करने जा रहे हैं, आप दूसरे समुदायों को नहीं छू रहे हैं। मंत्री टेजीविजन पर हिंदू अविवाहित परिवार कराधान लाभ के बारे में बात नहीं करते। ये सारी चीजें मुझे चिंतित करती हैं कि इस प्रश्नावली के पीछे कोई गुप्त एजेंडा है।

पिछले दिनों विधि आयोग ने एक प्रश्नावली जी की है जिसमें समान नागरिक संहिता और तीन तलाक सहित कुछ बिंदुओं पर आम लोगों से राय मांगी गई है। बीते गुरूवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तथा कुछ अन्य प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने इस प्रश्नावली का बहिष्कार करने का फैसला करते हुए कहा कि अगर देश में समान नागरिक संहिता को लागू किया गया तो यह सभी को एक रंग में रंगने जैसा होगा जो देश के बहुलवाद और विविधता के लिए खतरनाक होगा।

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