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केन-बेतवा के जुड़ने से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल मिलेगा

राजग सरकार की महत्वाकांक्षी 9,393 करोड़ रूपये की केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के 2017 की पहली तीमाही से शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है और इस परियोजना को हरित पैनल और आदिवासी मामलों के मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। इससे 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और बुंदेलखड में पेयजल की समस्या से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है।
केन-बेतवा के जुड़ने से 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और पेयजल मिलेगा

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने घोषणा की जो परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से होकर गुजरेगी। इस परियोजना के पहले चरण को राष्‍ट्रीय वन्यजीव बोर्ड, आदिवासी मामलों के मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय के हरित पैनल की मंजूरी मिल गई है। हालांकि अभी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से इस परियोजना को अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है जो आमतौर पर हरित पैनल की सिफारिशों को ध्यान में रखती है।

उमा भारती ने कहा कि कि केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के वित्त पोषण के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए उनका मंत्रालय नीति आयोग के साथ काम कर रहा है। इसके बाद ही इसका औपचारिक निर्माण कार्य शुरू होगा। उन्होंने कहा कि केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को वन्य जीव बोर्ड की मंजूरी मिलने के साथ इसके मार्ग में अंतिम अड़चन खत्म हो गई है।

उमा भारती ने कहा,  मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पहली नदी जोड़ो परियोजना : केन बेतवा: को हरित पैनल और आदिवासी मामलों के मंत्रालय से औपचारिक मंजूरी मिल गई। परियोजना को पहले ही वन्य जीव मंजूरी मिल चुकी है।

सूत्रों ने बताया कि नीति आयोग मंत्रालय के प्रस्ताव से संतुष्ट है लेकिन कोष के बारे में अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय को करना है। पर्यावरण मूल्यांकन समिति :ईएसी: ने 30 दिसंबर 2016 की बैठक में पूरी तरह से विचार करने के बाद परियोजना के पहले चरण पर सहमति व्यक्त की।

केन-बेतवा परियोजना में आ रही बाधाओं एवं उनके समाधान का जिक्र करते हुए केद्रीय मंत्री ने कहा केन-बेतवा परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। लेकिन त्वरित सिंचाई लाभ परियोजना :एआईबीपी: के तहत के केंद्र और राज्यों के बीच फंडिंग का अनुपात 60-40 निर्धारित हो गया है। हमारा प्रयास है कि यह अनुपात या तो 100 प्रतिशत हो या 90-10 प्रतिशत हो।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस परियोजना पर 2017 के प्रारंभ में ही काम शुरू हो जायेगा एवं इसे सात साल के अंदर पूरा कर लिया जायेगा। महानदी-गोदावरी नदी जोड़ो परियोजना पर हो रही राजनीति का जिक्र करते हुए भारती ने कहा कि मानस -संकोष-तीस्ता-गंगा-महानदी-गोदावरी देश की नदी जोडो परियोजनाओं का मूल लिंक है। इस पर जो विरोध है वह राजनीतिक है। तर्क और बुनियादी आधार के बजाय यह भावनाओं पर आधारित विरोध है। इस परियोजना से ओडिशा, बिहार एवं बंगाल में सूखा तथा बाढ़ की समस्याओं का समाधान होगा।

केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन नदी जबलपुर के पास कैमूर की पहाडि़यों से निकलकर 427 किलोमीटर उत्तर की ओर बढ़़ने के बाद बांदा जिले में यमुना में मिलती है। बेतवा नदी मध्यप्रदेश के राससेन जिले से निकलकर 576 किलोमीटर बहने के बाद उत्तरप्रदेश के हमीरपुर में यमुना में मिलती है। इन दोनों की सहायक नदियों पर पहले से ही कई बांध बने हुए हैं। भाषा

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