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नोटबंदी:अमरोहा में अंतिम संस्‍कार के लिए पैसे जुटाने मुर्दे को ही लाइन में लगाया

मोदी सरकार द्वारा पांंच सौ और हज़ार रुपए के नोट को चलन से बाहर करने का सर्वाधिक असर उत्तर प्रदेश पर पड़ा है। प्रदेश में काम-धंधे लगभग बंद हैं और रबी की फ़सल की बुआई भी प्रभावित हुई है। स्कूल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी आधी रह गई है। जिसे देखो वही बैंकों की लाइन में लगा है।
नोटबंदी:अमरोहा में अंतिम संस्‍कार के लिए पैसे जुटाने मुर्दे को ही लाइन में लगाया

हालांंकि अधिकांश लोग बैंकों से भी निराश लौट रहे हैं और आए दिन अवसाद में लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के भी समाचार मिल रहे हैं। देश भर में नोटबंदी से परेशान लोगों द्वारा आत्महत्या का आंंकड़ा सत्तर से ऊपर बताया जा रहा है और अकेले उत्तर प्रदेश में यह गिनती पच्चीस को पार कर गई है।

बांंदा ज़िले में बीएससी की छात्रा सुरेश ने फांंसी लगा ली। उसे कॉलेज में परीक्षा शुल्क जमा करना था और उसके लिए पांंच दिन से नोट बदलवाने बैंक जा रही थी मगर उसके नोट नहीं बदले। मेरठ की रज़िया एक हफ़्ते से बैंक के चक्कर काट रही थी और अपने बच्चों को भूखा देख कर उसने ख़ुद को आग लगा ली।

आत्महत्या की अन्य कहानियांं भी इतनी ही दर्दनाक हैं। नाराज़ लोग बैंकों पर हमले कर रहे हैं और उनमे ताले भी जड़ रहे हैं। फ़तहपुर में बैंक ओफ़ बड़ौदा में भीड़ ने बैंक कर्मियों को दिन भर बंधक बनाए रखा।

अमरोहा में अंतिम संस्कार हेतु पैसे ना होने पर परिजनों ने मुर्दे को ही बैंक की लाइन में लगा दिया। नाराज़ पब्लिक को नियंत्रण में करने को लगभग रोज़ पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करने के भी समाचार मिल रहे हैं। प्रदेश में क़ानून व्यवस्था का जायज़ा लेने को हाल ही में आईबी के डायरेक्टर दिनेश्वर शर्मा को यहांं का ख़ुद दौरा करना पड़ा।

प्रदेश की कुल बीस करोड़ की आबादी में से पंद्रह करोड़ लोग गांंवों में रहते हैं और खेती से जुड़े हैं। प्रदेश भर में बैंकों की कुल सत्रह हज़ार शाखाएंं हैं और उनमे से मात्र सात हज़ार ही ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। कई गांंव एेेसे हैं जहांं से बैंक की दूरी तीस-चालीस किलोमीटर दूर है। एेेसे में किसान बीज और खाद के लिए धक्के खा रहे हैं।

प्रदेश में लघु एवं मध्यम दर्जे के पांंच लाख अस्सी हज़ार उद्योग हैं और वहांं बाइस लाख लोग रोज़गार पाते हैं। काम धंधे बंद होने से श्रमिक अपने घरों को लौट रहे हैं। प्रदेश से चूड़ी, पीतल का सामान, क़ालीन, खेल सामग्री, जूते और चमड़े का सामान ख़ूब निर्यात होता है। मज़दूरी के लिए नक़द पैसे ना होने के कारण यह क्षेत्र भी ठंडा है।

प्रदेश के हालात की जानकारी देने को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। हालांंकि इस मुलाक़ात से लोगों की समस्याओं का निराकरण हो सकेगा, इसकी उम्मीद फ़िलहाल तो नहीं है।

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