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जेठमलानी का जेटली पर दोबारा तंज, जो अपना चुनाव भी हार गया हो उसकी क्या इज्जत?

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ वित्तमंत्री अरूण जेटली की ओर से दायर मानहानि के मामले की दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई मंगलवार को भी जारी रही। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने लगातार दूसरे दिन जेटली से जिरह की।
जेठमलानी का जेटली पर दोबारा तंज, जो अपना चुनाव भी हार गया हो उसकी क्या इज्जत?

रामजेठमलानी ने वित्‍त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा और जिरह के दौरान तंज कसते हुए कहा कि जो नेता अपना चुनाव भी हार गया हो उसकी क्या इज्जत?

सुनवाई के दौरान अरुण जेटली भी मौजूद रहे। मामले में केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने जेटली पर तंज कसा। आगे की बहस अब 15 मई और 17 मई को होगी।

उच्च न्यायालय के संयुक्त रजिस्ट्रार अमित कुमार के खचाखच भरे अदालत कक्ष में यह कार्यवाही लगभग दो घंटे तक चली। इस कार्यवाही में वित्त मंत्री के सामने वरिष्ठ क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी द्वारा लागए गए आरोपों समेत विभिन्न सवाल रखे गए।

जेटली ने डीडीसीए में वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, श्रीमान बेदी का एक पत्र वर्ष 2015 में लिखा गया था और मैंने डीडीसीए का अध्यक्ष पद वर्ष 2013 में छोड़ दिया था।

जेटली ने उन्हें दिखाए गए पत्र को पूरा पढ़ने के बाद कहा, मैं इस पत्र में लिखी उन बातों को पूरी तरह खारिज करता हूं, जिनका संबंध मुझसे है। जहां तक मुझे पता है और जहां तक डीडीसीए में मेरे कार्यकाल की बात है, इस पत्र की बातें झूठी हैं।

जेटली के साथ हुई जिरह बेहद नाटकीय रही। दोनों ही पक्षों के वकीलों ने कई सवालों और जवाबों का विरोध किया। जेटली के वकीलों वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर, संदीप सेठी और प्रतिभा एम सिंह ने इनमे से कुछ को बदनाम करने वाला बताया।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मेरी छवि खराब करने के लिए मेरे खिलाफ लगातार अभियान चलाया गया। इसे रोकना जरूरी था, इसलिए केस किया।

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