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भाजपा का सदस्‍यों को फरमान, आजादी के आंदोलनों में 'हिस्‍सेदारी' की खोज करो

अक्‍सर भाजपा के नेताओं पर यह तंज कसा जाता है कि आजादी की लड़ाई के वक्त भाजपा नहीं थी। इसलिए उनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है। इसी तंज का मुकाबला करने के लिए भाजपा के मुख्‍याल ने पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों को एक खास संदेश भेजा है। पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे अपने पारिवारिक एलबम, पर्सनल रिकॉर्ड या कोई भी ऐसा दस्तावेज जुटाएं, जिससे पता चलता हो कि भाजपा नेताओं ने 'राष्ट्रीय आंदोलनों' में हिस्सा लिया था।
भाजपा का सदस्‍यों को फरमान, आजादी के आंदोलनों में 'हिस्‍सेदारी' की खोज करो

भाजपा के एक वरिष्‍ठ नेता ने कहा, 'हम अपने राजनीतिक विपक्षियों की तरह रिकॉर्ड मेंटेन करने वाले संगठन नहीं रहे, इसलिए हमारी कोशिशों को नजरअंदाज किया गया। हमारे अपने सदस्यों को राष्ट्रवादी आंदोलनों में हमारी भूमिका के बारे में कुछ भी पता नहीं है।' अगर हम भी रिकार्ड को मेंटेन करके रखते हैं तो आजादी के आंदोलन में भाजपा नेताओं की हिस्‍सेदारी का पता चल जाता। 

इस समस्या को दूर करने के लिए सभी भाजपा जिलाध्यक्षों को एक पत्र भेजा गया है। इस पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन के हस्ताक्षर हैं। पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा, 'हमने अपने कार्यकर्ताओं को कहा है कि वे बीते 60 साल में 10 राष्ट्रीय आंदोलनों और उसकी अगुआई करने वाले नेताओं का पता करें। वे तस्वीर, नोट, मेमो, लेटर या चिट जैसा कोई भी सबूत दे सकते हैं, जो हमारी भागीदारी को साबित करे।'

पार्टी अपने नेताओं के निजी दस्तावेज भी खंगाल रही है। उदाहरण के तौर पर, नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी एंड म्यूज़ियम के चेयरमैन लोकेश चंद्र जल्द ही अपने पिता रघु वीरा से जुड़े कागजात सौंपेंगे। रघु जनसंघ के दूसरे अध्यक्ष थे। जनसंघ भाजपा का पूर्ववर्ती संगठन रहा है। पार्टी गोवा की आजादी के आंदोलन में जनसंघ के योगदान से जुड़े तथ्य सामने लाने के लिए काम कर रही है। पार्टी ने सिर्फ इसी काम के लिए एक शोधकर्ता को तैनात किया हुआ है जो राष्‍ट्रीय संग्रहालय के दस्तावेजों की खोजबीन कर रहा है।

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