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अब हिंदू महासभा बोली, मोदी के अंत की शुरुआत है नोटबंदी

अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी को लेकर निशाना साधा है। भाजपा के सहयोगी संगठन ने पीएम मोदी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया है। महासभा के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा है कि नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार के अंत की शुरुआत है।
अब हिंदू महासभा बोली, मोदी के अंत की शुरुआत है नोटबंदी

महासभा ने यह आरोप भी लगाया कि नोटबंदी को हिंदुओं की शादी के कैलेंडर की शुरुआत से ठीक पहले लागू किया गया और वहीं दूसरी तरफ भाजपा के सदस्य देशभर में इस्लामिक बैंकों को प्रोत्साहन दे रहे थे।

केंद्र सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पाण्डेय ने कहा कि अभी तक इस योजना के मकसद की जानकारी नहीं लग पाई है। महासभा ने कहा कि नोटबंदी के नाम पर शादी से ऐन पहले हिंदुओं को परेशान किया गया है। महासभा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताते हुए चेतावनी दी कि फिर से गोडसे को जन्म दे देंगे।

अलीगढ़ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. पूजा शकुन पांडे ने नोटबंदी पर लोगों की परेशानियों पर प्रदर्शन करते हुए मोदी सरकार को जमकर कोसा।  पूजा शकुन पांडे ने  नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताते हुए मोदी को चेतावनी भी दी।

पूजा ने कहा हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं में नाथूराम गोडसे, मदन मोहन मालवीय, वीर सावरकर जैसे नाम शामिल थे। जो लोग मोदी-मोदी कह रहे हैं, उनको आगाह करना चाहती हूं कि इस संगठन को सत्ता का लालच कभी नहीं रहा, ये संगठन सच्चे देशभक्तों का है। ध्यान रखिएगा, अगर फिर से गांधी बनने की कोशिश की तो हम कुछ कर पाएं या न कर पाएं, लेकिन गोडसे को फिर से जन्म दे देंगे।

पूजा शकुन पांडे ने ये भी कहा कि ये सरकार हिंदुत्व विरोधी है। मोदी सरकार ने हिंदू शादियों से पहले ही नोटबंदी कर दी। उन्‍होंने कहा कि विमुद्रीकरण नहीं वि-मोदी-करण लेकर आओ और देश बचाओ। आपने विमुद्रीकरण नहीं किया आपने करेंसी को रिप्लेस किया है। पूजा ने कहा कि मुरादाबाद में मोदी ने जो बयान दिया था वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और देश में माओवाद को बढ़ावा देने वाला था। उनके बयान में अमीर और गरीब के बीच लड़ाई छेड़ने का प्रलोभन दिया गया है।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी की अव्यवस्था से देश का गरीब परेशान है। मजदूर भूखों मरने की कगार पर हैं और प्रधानमंत्री चुनावी जुमले सुना रहे हैं। वही, भाजपा के नेता हताशा और निराशा से भरे हुए बयान दे रहे हैं कुछ नेता कहते हैं कि राम मंदिर हम बनाएंगे लेकिन तारीख नही बताते, वहीं कुछ नेता कहते हैं कि राम मंदिर हमारा चुनावी मुद्दा नहीं है। हिन्दू महासभा की महासचिव ने कहा कि कुछ लोग मोदी के त्याग का उदाहरण देते हैं। आखिर उन्होंने क्या त्याग किया है? उनके पास कोई रियासत तो थी नहीं। एक चाय वाले के पास त्यागने के लिए क्या होता है?

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