Advertisement

भारत लौटी गीता, लेकिन परिवार को नहीं पहचाना

कई साल पहले ग़ुम होकर पाकिस्तान पहुंची मूक बधिर लड़की गीता आज भारत लौट आई है। लेकिन उसने अपने कथित परिवार को पहचानने से इंकार कर दिया है। फिल्‍म 'बजरंगी भाईजान' की वजह से गीता का मामला मीडिया में प्रमुखता से उठा था और आज वह अपने देश लौटने में कामयाब रही है। इस प्रकरण ने भारत और पाकिस्तान की जनता के दिलों को जोड़ने का काम भी किया है।
भारत लौटी गीता, लेकिन परिवार को नहीं पहचाना

सोमवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर पीआईए के विमान से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंची गीत का जोरदार स्वागत किया गया। लेकिन 23 वर्षीय गीता ने उसके परिजन होने का दावा करने वाले लोगों को पहचानने से इंकार कर दिया है। बिहार के सहरसा के महतो परिवार ने दावा किया था की गीत उन्हीं की बेटी है। अब गीत को उसके परिवार से मिलाने की उम्मीद डीएनए टेस्ट पर टिकी हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने आवास पर गीत से मुलाकात की। इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद थीं। पीएम मोदी ने पाकिस्तान में गीता की देखभाल करने वाले पाकिस्तान के एधी फाउंडेशन को एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि गीता बिहार के महतो दंपति को पहचाना नहीं सकी है। डीएनए टेस्ट के बाद ही गीता के परिवार की पुष्टि हो पाएगी। डीएनए रिपोर्ट आने तक एधी फाउंडेशन के लोग भारत में ही रहेंगे। 

गीता के जीवन की दस्‍तान ने सरहद पार दोनों देशों के लोगों के दिलों को छुआ और भारत में लोग बेसब्री से उसके वतन लौटने का इंतजार कर रहे थे। समझा जाता है कि करीब 15 साल पहले गीता पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों को लाहौर रेलवे स्टेशन पर खड़ी समझौता एक्सप्रेस में मिली थी। तब उसकी उम्र महज 7-8 साल की रही होगी। गीता को एधी फाउंडेशन की बिलकिस एधी ने अपना लिया था और तब से वह कराची में उनके साथ रह रही थी। बिलकिस और उसके पोते पोतियां साद और सबा एधी भी गीता से साथ आए हुए हैं। 

गीता ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग द्वारा भेजी गई एक तस्वीर में अपने पिता, सौतेली मां और भाई-बहनों की पहचान की। खबरों के अनुसार यह परिवार बिहार के सहरसा का रहने वाला है। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन और उनकी पत्नी ने अगस्त में गीता से मुलाकात की थी। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राघवन को गीता से मिलने और उसके परिवार का पता लगाने की कोशिश करने का निर्देश दिया था। 

 

 


 

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad