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जावडेकर ने कहा, पाठ्यपुस्तक में लिंगभेद बर्दाश्त नहीं, कार्रवाई का आदेश

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 12वीं कक्षा की एक पाठ्यपुस्तक में महिला के शरीर की बनावट के बारे में दिए गए विवरण को लिंगभेदी बताया और इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया।
जावडेकर ने कहा, पाठ्यपुस्तक में लिंगभेद बर्दाश्त नहीं, कार्रवाई का आदेश

     पुस्तक के प्रकाशक ने हालांकि इसके प्रकाशन और बिक्री पर रोक लगाने का निर्णय किया है।

   पुस्तक की सामग्री में महिला के सर्वश्रेष्ठ शरीर की परिभाषा 36..24..36 बतायी गयी है जिसको लेकर कल सोशल मीडिया पर काफी आलोचना की गई और इस सामग्री को हटाने की भी मांग की गई।

   दिल्ली स्थित न्यू सरस्वती हाउस द्वारा प्रकाशित पुस्तक हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन की सामग्री पर विवाद उत्पन्न हुआ है जिसे वीके शर्मा ने लिखा है और इसे सीबीएसई से संबद्ध विभिन्न स्कूलों में पढ़ाया जाता है।

   केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह किसी निजी प्रकाशक की पुस्तक को स्कूलों में पढ़ाने की सिफारिश नहीं करती।

   वहीं, जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं इस पुस्तक की सामग्री की निंदा करता है जो लिंगभेदी है। इस सामग्री का बचाव नहीं किया जा सकता और यह अस्वीकार्य है। हमने इस पर गंभीर संज्ञान लिया है। मैंने अधिकारियों को इस पर उपयुक्त कार्रवाई करने का निर्देश  दिया है।’

   जावडेकर ने कहा कि यह एनसीईआरटी की पुस्तक नहीं है और इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों से भी कह रहे हैं कि वे मुनाफा कमाने के मकसद से निजी प्रकाशकों की पुस्तक का उपयोग करने की बजाए एनसीईआरटी की पुस्तक पढ़ायें।

   बहरहाल, प्रकाशकों ने भी घोषणा की है कि वे तत्काल प्रभाव से पुस्तक की प्रिंटिंग, ब्रिकी और वितरण को बंद कर रहे हैं।

   इस बीच सीबीएसई ने स्कूलों से कहा है कि वे निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चुनने में काफी एहतियात बरतें और पुस्तक से आपत्तिजनक सामग्री हटाई जाए ताकि किसी वर्ग, समुदाय, लिंग या धार्मिक समूह की भावनाएं आहत न हों।

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