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एसबीआई ग्राहकों को झटका, खातों में न्यूनतम बैंलेंस रखना अनिवार्य

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अब बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है, ऐसा नहीं करने पर 1 अप्रैल से जुर्माना लगेगा। जुर्माना आवश्यक न्यूनतम बैलेंस और कमी के अंतर पर आधारित होगा। बैंक ने अपना ग्राहक आधार बढ़ाने के लिए जुलाई 2012 में इस शुल्क को समाप्त कर दिया था।
एसबीआई ग्राहकों को झटका, खातों में न्यूनतम बैंलेंस रखना अनिवार्य

जानकारी के अनुसार, एसबीआई खाते में न्यूनतम राशि पांच हजार रखना है और चार हजार जमा है तो एक हजार रुपए पर जुर्माना तय होगा। यह कमी 75 फीसदी से ज्यादा होगी तो 100 रुपए, 50-75 फीसदी हो तो 75 रुपए और सर्विस टैक्स अलग से लगेगा।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग सीमाएं हैं जैसे महानगर में 5 हजार रुपए, शहरी इलाके में 3 हजार रुपए, अर्धशहरी इलाके में 2 हजार रुपए और ग्रामीण इलाके में 1 हजार रुपए रखना अनिवार्य है। एक अप्रैल से ऐसा नहीं करने वालों पर पेनल्‍टी लगाई जाएगी।

एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंक के मौजूदा समय में लगभग 25 करोड़ बचत खाते हैं। बैंक ने नोटबंदी के बाद से बड़ी तादाद में खाते खोले हैं। इन खातों में शून्य जमा वाले खाते भी शामिल हैं। इन खातों का प्रबंधन करने पर खर्च आता है। इस कदम का मकसद सस्ती जमाओं को आकर्षित करना भी था, क्योंकि बचत खाते पर ब्याज महज 4 फीसदी है।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में बैंकों ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं। एक मार्च से एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक ने एक महीने में चार बार से अधिक धन जमा करने या निकासी पर न्यूनतम 150 रुपए शुल्क लगाना शुरू किया। एचडीएफसी बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि यह शुल्क बचत के साथ-साथ वेतन खातों पर भी लगेगा। यह आज (बुधवार, 1 मार्च) से प्रभाव में आ गया है।

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