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जीएसटी दर 18-20 प्रतिशत रही तो नहीं बढ़ेगी महंगाई : वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक अप्रैल 2017 से लागू करने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने इसके साथ ही जीएसटी लागू होने पर महंगाई बढ़ने की आशंकाओं को भी खारिज किया।
जीएसटी दर 18-20 प्रतिशत रही तो नहीं बढ़ेगी महंगाई : वित्त मंत्रालय

उसका कहना है कि जीएसटी दर यदि 20 प्रतिशत भी रखी जाती है तब भी मुद्रास्फीति पर असर नहीं होगा। वित्त सचिव अशोक लवासा ने संवाददाताओं से कहा, हर किसी की मदद से जीएसटी को एक अप्रैल 2017 की समय सीमा में अमल में लाने के प्रयास किए जाएंगे। इसमें मुद्रास्फीति का कोई खतरा नहीं है। राज्य और केंद्र मिलकर दर पर विचार करेंगे जिसमें हर तरह के मुद्दों पर गौर किया जाएगा। इनमें मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंता भी शामिल होगी।

राज्य सभा ने बुधवार देर शाम स्वतंत्रता के बाद से अब तक के इस सबसे बड़े कर सुधार के तहत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को मंजूरी दे दी। जीएसटी के तहत राज्यों में लगने वाले विभिन्न किस्म के कर और स्थानीय कर सभी इस नई एकीकृत मूल्यवर्धित कर प्रणाली में समाहित हो जाएंगे जिससे भारत विश्व का सबसे बड़ा एकल बाजार बन जाएगा। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि यदि जीएसटी दर 18-20 प्रतिशत भी रहती है तो मुद्रास्फीति पर कोई खास असर नहीं होगा। सीएनबीसी टीवी18 से सुब्रमण्यम ने कहा, हमारे आकलन के मुताबिक यदि आप 18-20 प्रतिशत जीएसटी दर की भी मंजूरी देते हैं तब भी मुद्रास्फीति पर औसतन कोई असर नहीं होगा। कुछ जिंसों में यहां वहां कुछ वृद्धि हो सकती है लेकिन सामान्य तौर पर और खासतौर से सबसे गरीब तबके के लिए यदि मुद्रास्फीति पर कोई असर होता है तो मुझे बहुत आश्चर्य होगा। संविधान संशोधन विधेयक में जीएसटी दर नहीं रखी गई है। जीएसटी परिषद जिसमें कि केंद्र और राज्य दोनों का प्रतिनिधित्व होगा जीएसटी दर पर काम करेगी। इसके बाद केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) एवं एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) जिन पर संसद के अगले शीतकालीन सत्र में चर्चा होगी, में जीएसटी दर का उल्लेख होगा। सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली एक समिति ने पिछले साल ज्यादातर वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए 17-18 प्रतिशत की मानक दर का सुझाव दिया था। साथ ही कम कीमत वाली वस्तुओं के लिए 12 प्रतिशत की दर जबकि बेहद मंहगी कारों,  एरेटेड पेय पदार्थों,  पान मसाला और तंबाकू जैसे उत्पादों के लिए 40 प्रतिशत कर रखने का सुझाव दिया था। इसके अलावा कीमती धातुओं के लिये 2-6 प्रतिशत कर दर का सुझाव दिया गया। वित्त सचिव ने कहा कि जीएसटी प्रणाली से ज्यादा अनुपालन होगा जिसका अर्थ होगा कि ज्यादा कारोबार कर के दायरे में आएंगे। लवासा ने कहा, इससे और दक्षता आएगी और वृद्धि की संभावना बढ़ेगी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने एक ट्वीट में कहा कि जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था में पूरी ऊर्जा डालेगा और मध्यम अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर आठ प्रतिशत से अधिक होगी।

एजेंसी

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