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फरवरी में होसकती है अगली कटौती : विश्लेषक

विश्लेषकों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति में नरम रूख को आगे भी बनाये रखेगा और नीतिगत ब्याज दर में एक और कटौती फरवरी में की जा सकती है। केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के एक दिन बाद विश्लेषकों ने यह बात कही है।
फरवरी में होसकती है अगली कटौती : विश्लेषक

घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक नोट में कहा कि उसे उदार मौद्रिक नीति बने रहने की उम्मीद है। एजेंसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कार्तिक श्रीनिवासन ने कहा, मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में नकारात्मक ब्याज दर को देखते हुए ऐसा संकेत है कि वास्तविक ब्याज दर (प्रमुख ब्याज दर और मुद्रास्फीति के बीच अंतर) को 1.50 प्रतिशत कम किये जाने की जरूरत है। मौद्रिक नीति समिति द्वारा ब्याज दर में और कटौती से इनकार नहीं किया जा सकता।

हालांकि विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक आफ अमेरिकी मेरिल लिंच के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि उसे दिसंबर में होने वाली आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद नहीं है। उसने एक नोट में कहा कि सात फरवरी को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत की कटौती की जरूर संभावना है।

सिंगापुर की ब्रोकरेज कंपनी डीबीएस ने भी कहा कि अब नीतिगत दर में अगली कटौती 2017 की पहली तिमाही में होगी न कि अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में। रिजर्व बैंक के नवनियुक्त उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद विश्लेषकों के साथ कांफ्रेन्स कॉल की थी। इसमें मीडिया को भाग लेने की अनुमति नहीं दी गयी थी। पटेल की अगुवाई में मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत कटौती कर 6.25 प्रतिशत कर दिया जो छह साल का न्यूनतम स्तर है।

भाषा

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