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भारत को वैश्विक स्तर के अनुरूप कर दरों की आवश्यकता: जेटली

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि अगर देश को व्यापक आधार वाली अर्थव्यवस्था बनाना है तो दुनिया के दूसरे देशों के अनुरूप कर दरों का निम्न स्तर होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह विचार अब बीते दिनों की बात हो गयी है कि कर की ऊंची दरों से अधिक राजस्व मिलता है, 1991 से अर्थव्यवस्था का यह सिद्धांत बदल गया है।
भारत को वैश्विक स्तर के अनुरूप कर दरों की आवश्यकता: जेटली

आईआरएस अधिकारियों के पेशेवर प्रशिक्षण का उदघाटन करते हुए जेटली ने कहा,  आपको व्यापक आधार वाली अर्थव्यवस्था की जरूरत है जिसके लिये आपको करों के निम्न स्तर की आवश्यकता है। आपको वस्तुओं का विनिर्माण करने और सेवाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है जो प्रतिस्पर्धी हों और इसीलिए आपके कर वैश्विक स्तर के अनुरूप होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा केवल घरेलू नहीं है बल्कि वैश्विक है और इसीलिए पिछले ढाई दशक में सरकारें इन सिद्धांतों से निर्देशित होती रही हैं। पिछले 70 साल के लोगों के व्यवहार को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह विचार है कि अगर सरकार को कर नहीं दिया जाता है तो इसमें कुछ भी अनुचित या अनैतिक नहीं माना जाता रहा है।

उन्होंने कहा कि इसे वाणिज्यिक क्षेत्र में कुशलता के रूप में देखा जाता है और वास्तव में कुछ लोगों ने इसका गंभीर परिणाम भुगता है।

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राजस्व सेवा के युवा अधिकारियों से कहा कि आने वाले दशकों में उन्हें देश में स्वैच्छिक कर अनुपालन में वृद्धि देखने को मिलेगी।

उन्होंने कहा, और करदाताओं को यह समझना चाहिए कि वैध कर का भुगतान उनकी जिम्मेदारी है और उसके बाद बदले में आप करदाता पर भरोसा कर सकते हैं। जिन मामलों में स्थिति स्पष्ट है उन्हें छोड़कर आपको करदाताओं पर भरोसा होना चाहिए और आप केवल उन्हीं चुनिंदा मामलों में व्यापक आडिट या जांच के लिये आगे बढ़ें।

जेटली ने कहा कि कर संग्रहकर्ताओं को अपने कौशल को निखारना होगा क्योंकि केंद्र तथा राज्यों का अप्रत्यक्ष कर अंतत: एक होने जा रहा है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, एक बार केंद्र तथा राज्यों का कर इस एक कर में तब्दील होता है, केंद्र तथा राज्यों के प्राधिकरणों के बीच सहयोग खुद-ब-खुद बहुत उच्च मानदंड तक पहुंच जाएगा।

जेटली ने कहा कि गतिविधियों का मानकीकरण, प्रौद्योगिकी का उपयोग तथा नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिये काफी बेहतर निगरानी कौशल की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि आपराधिक या कर कानून में कोई अस्पष्टता नहीं है तथा नियमों के उल्लंघन का पता लगाने के लिये कड़े सिद्धांतों के अनुपालन की जरूरत है।

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