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छंदकोत्सव की अनूठी छटा

सांस्कृतिक चेतना के लिए प्रयास जरूरी हैं। नई पीढ़ी जब कला-संस्कृति को करीब से देखेगी तभी उससे प्रेम करना सीखेगी। मध्यप्रदेश के धार में ऐसे ही छंदकोत्सव में न सिर्फ नई पीढ़ी ने हिस्सा लिया बल्कि सीमाएं तोड़ कर एक विदेशी ने ओडिसी की शानदार प्रस्तुति दी।
छंदकोत्सव की अनूठी छटा

संस्कृति को अपनी लय, ताल और थाप की छटा बिखेरने के लिए सीमा की डोर में नहीं बांधा जा सकता। यह बात धार के मिलन महल आडिटोरियम के छंदकोत्सव 2016 में देखने को मिली। जिला प्रशासन, रोटरी क्लब और भोज शोध संस्थान द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम कला के पारखी और सुधी दर्शकों के साथ अविस्मरणीय हो गया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्राचीन नृत्य विधा ओडिसी से हुई। इसके बाद भरतनाट्यम की विहंगम प्रस्तुतियों ने कला प्रेमियों का दिल जीत लिया। छंदक कला अकादमी की ओर से सबसे पहले छोटी बच्चियों ने गणेश वंदना और समूह ओडिसी नृत्य पेश किया। इसके बाद कत्थक, भरत नाट्यम की सधी हुई मनमोहक प्रस्तुतियां दी गईं। इन सब के बीच आकर्षण का केंद्र बनी विदेशी नृत्यांगना टैशिया स्पूलनिकोवा। उन्होंने ओडिसी की एकल प्रस्तुति दी। टैशिया की चपलता और अभिनय की भाव भंगिमाएं देखकर कोई नहीं कह सकता था उन्होंने भारत से बाहर से आकर इस नृत्य में सिद्धहस्ता हासिल की। 

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