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विवेक मिश्र को रमाकांत कहानी पुरस्कार

कहानी की दुनिया में दिया जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार इस बार विवेक मिश्र को दिया जा रहा है। यह पुरस्कार हर साल रमाकांत जी की स्मृति में दिया जाता है।
विवेक मिश्र को रमाकांत कहानी पुरस्कार

अठारहवां रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार कथाकार विवेक मिश्र को हंस में प्रकाशित उनकी कहानी ‘और गिलहरियां बैठ गईं’ के लिए प्रदान किया जाएगा। इस कहानी का चयन निर्णायक मंडल के सदस्य और वरिष्ठ रंगकर्मी दिनेश खन्ना ने किया है। पुरस्कार के निर्णय में दिनेश खन्ना ने लिखा है, यह कहानी अपनी कहन, कथ्य और वातावरण के कारण आकर्षित करती है।

कहानीकार विवेक मिश्र का जन्म 15 अगस्त, 1970 को झांसी में हुआ। विज्ञान में स्नातक, दंत स्वास्थ्य विज्ञान में विशेष शिक्षा, पत्रकारिता और जन संचार में स्नातकोत्तर विवेक साहित्य की दुनिया में परिचित नाम हैं। पुरस्कार समिति के संयोजक महेश दर्पण ने बताया, उनके तीन कहानी संग्रह, कविताओं का अंग्रेजी तथा कहानियों का बांग्ला अनुवाद पुस्तक रूप में प्रकाशित हो चुका है। 60 से अधिक वृत्त चित्रों की संकल्पना और पटकथा लेखन तो इन्होंने किया ही है, इनकी कहानी ‘थर्टी मिनिटस’ पर ‘जस्ट थर्टी मिनिटस’ नाम से फीचर फिल्म भी बन चुकी है। अनेक पुरस्कारों के अतिरिक्त इनका उपन्यास  ‘डॉमिनिक की वापसी’ जगतराम आर्य पुरस्कार के लिए चयनित एवं किताब घर से प्रकाशित। इनकी कुछ रचनाएं पाठयक्रम में भी शामिल हैं।

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