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यश भारती सम्मान की भी जांच कराएंगे योगी

रातो-रात बड़े फैसले लेने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सबसे बड़े यश भारती सम्मान की जांच कराने का फैसला किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सम्मान किस आधार पर दिए गए, इसकी जांच होनी चाहिए।
यश भारती सम्मान की भी जांच कराएंगे योगी

गुरुवार देर रात अलग-अलग विभागों की हुई प्रस्तुतिकरण के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पुरस्कार देते समय उसकी गरिमा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। अपात्रों को अनावश्यक सम्मानित करने से पुरस्कार की गरिमा गिरती है।  

गौरतलब है कि यह सम्मान मुलायम सिंह ने वर्ष 1994 में शुरू किया था। अवॉर्ड यूपी से ताल्लुक रखने वाले ऐसे लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने कला, संस्कृति, साहित्य या खेलकूद के क्षेत्र में देश के लिए नाम कमाया हो। इस अवॉर्ड के तहत पुरस्कार में 11 लाख रुपए के अलावा जिंदगीभर हर महीने 50 हजार रुपए की पेंशन भी मिलती है।

यश भारती सम्मान अमिताभ बच्चन, हरिवंश राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, शुभा मुद्गल, रेखा भारद्वाज, रीता गांगुली, कैलाश खेर, अरुणिमा सिन्हा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नसीरुद्दीन शाह, रवींद्र जैन, भुवनेश्वर कुमार जैसी हस्तियों को मिल चुका है।

अपनी सरकार आने के बाद मायावती ने ये पुरस्कार बंद कर दिए थे, लेकिन 2012 में अखिलेश सरकार ने इसे दोबारा शुरू किया। इस पुरस्कार को लेकर अखिलेश सरकार पर कई अरोप भी लगे, जिसमें कहा गया कि अखिलेश ने कई गरीबों की मदद करने के लिए उन्हें यश भारती पुरस्कार दे दिया।

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