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मेक माय चॉइस में काूननविदों ने कानून की पढ़ाई पर छात्रों को दिए गुर

अक्‍सर सुनने को मिलता है कि लॉ की पढ़ाई बोझिल है। अमूमन कानून की पढ़ाई से छात्र दूर रहने का मन करते हैं। मेट्रोपोलिटन एजुकेशन में मेक माय चॉयस पर आयोजित गोष्ठी में कानून की पढ़ाई के महत्‍व पर विशेषज्ञों ने जो बेहतर और ज्ञानवर्धक जानकारी दी है, वह छात्रों को इस विषय की ओर अवश्‍य आकर्षित करेगी।
मेक माय चॉइस में काूननविदों ने कानून की पढ़ाई पर छात्रों को दिए गुर

गोष्‍ठी में विधी के अध्‍ययन से होने वाले फायदे अतिथियों ने अभिभावकों और विद्यार्थियों के समक्ष जोरदार ढंग से रखे। विधी के नए आयामों व अवसरों के बारे में भी बताया गया। गोष्ठी में भंवर सिंह (भूतपूर्व न्यायधीश, इलाहाबाद हाई कोर्ट) और नितिन वाधवा (कॉर्पोरेट अधिवक्ता) अतिथि के रूप में मौजूद रहे और सभी के प्रश्नों का ज़बाब भी दियाा।

गोष्ठी में अभिभावकों और विद्यार्थियों के बहुत से प्रश्नों का उत्तर दिया गया, जिसमें प्रमुखता से विधी के नए आयामों व इसमें सैैलरीस के बारे में भी बताया। कानून के जरिए सरकारी क्षेत्र में भी जाने की जानकारी दी गई। गोष्‍ठी का आयोजन डीएमइ कैंपस, नेल्‍सन मंडेला ऑडिटोरियम नोएडा में किया गया। 

इस अवसर पर प्रोफेेसर विक्रमदत्त, प्रिन्सिप्ल आॅॅफ डेल्ही मेट्रोपोलिटन एजुकेशन, ने बताया की यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप कौन से कॉलेज में अपना दाखिला लेने जा रहे हैं। हमारे यहांं देश के जाने माने कानूनविद और अनुभवी शिक्षक हैं। जो अपने विद्यार्थियों को परीक्षाओं के साथ-साथ विधी पर एक उज्जवल भविष्य के लिए भी तैयार करते हैं। 

उल्‍लेखनीय हैै कि हमारे देश में कानून की पढ़ाई के लिए अब छात्र उत्‍सुकता के साथ आगे आ रहे हैं। देशभर में अधिवक्‍ताओं की नियामक संस्‍था बार कौसिंल ऑफ इंडिया के अनुसार देश में करीब 15 लाख अधिवक्‍ता हैं। 6 से 7 लाख छात्र लॉ की पढ़ाई कर रहे हैंं। करीब 80 हजार छात्र हर साल कानून में स्‍नातक डिग्री हासिल कर रहे हैं। 

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